लखनऊ में संवाद-मंच की प्रथम गोष्ठी गत 13 सितम्बर को शिरोज़ (एसिड अटैक से प्रभावित लोगों द्वारा संचालित केफे )में हुई. पहली गोष्ठी की शुरुआत उपन्यासकार/कथाकार उषा किरण खान द्वारा कहानी पाठ से हुई .इस मौके पर जर्मन विदुषी इनेस फार्नेल का गोष्ठी में होना भी बहुत महत्वपूर्ण रहा.उन्होंने हिन्दी में हिन्दी के जर्मनी में पढ़ने और पढ़ाने के बारे में बात की.इस मौके पर शहर के गणमान्य रचनाकार ,साहित्यप्रेमी और कलाकार सभी शामिल हुए. कवि और आलोचक चन्द्रेश्वर ने बताया कि इस कथा गोष्ठी में ऊषा किरण को सुनना अपने आप में एक अलग महत्त्व रखता है.