पटना । भारतीय राजस्व सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी और लेखक मुरारीनंद तिवारी को मंगलवार पटना में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उनके व्यक्तित्व और कृत्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें याद किया गया। श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कम्युनिटी राइट्स एंड डेवलप्मेंट फाउंडेशन (सीआरडीएफ), पटना तत्वाधान में किया गया। मौके पर शिवाविद् और सीआरडीएफ के पदाधिकारी मौजूद थे।
श्री तिवारी का 28 दिसंबर, 2017 को इलाज के दौरान नई दिल्ली में निधन हो गया था। वे 83 वर्ष के थे। बिहार के रोहतास जिले के दारानगर में वर्ष 1934 में उनका जन्म हुआ था। स्कूली शिक्षा उन्होंने बढ़हिया हाई स्कूल से पूरी की। उसके बाद बी.ए. और अंग्रेजी में एम.ए. की पढ़ाई पटना विश्विद्यालय से पूरी की। इसके बाद आरा जैन कॉलेज में कुछ साल पढ़ाने के बाद 1959 में वे भारतीय राजस्व सेवा के लिए चुने गए।
सेवानिवृत्ति के बाद मुरारीनंद तिवारी ने ‘इसेंशियल हिन्दूइस्ज़म’ और ‘ट्रैवल्स ऑफ ए सिविल सर्वेंट’ पुस्तक लिखी। ‘इसेंशियल हिन्दूइस्ज़म’ पुस्तक पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पत्र लिखकर श्री तिवारी के कार्यों को सराहा था।
अपनी सरकारी सेवा के दौरान उन्होंने आयकर विभाग में संयुक्त सचिव और अन्य पदों पर कार्य करते हुए महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1993 में वे आयकर के मुख्य आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए और साथ ही 1995 तक सेटलमेंट कमीशन, कोलकाता के सदस्य के रूप में भी काम किया।
श्री तिवारी का आजीवन भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्षरत रहें और संगठित कालेधन के खिलाफ अग्रणी रूप से कार्रवाई भी की।
(पटना से राजेश पाण्डे)