सुप्रभात
जय श्री महाकाल
अथ पंचांगम्
दिनाँक-: 12/01/2018 ,शुक्रवार
माघ , कृष्ण पक्ष
एकादशी
“”””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———-एकादशी 21:22:37 तक
पक्ष—————————–कृष्ण
नक्षत्र———-विशाखा07:26:42
योग—————-गण्ड30:12:42
करण—————भाव08:13:52
करण————-बालव21:22:37
वार—————————शुक्रवार
माह——————————माघ
चन्द्र राशि——————–वृश्चिक
सूर्य राशि————————-धनु
रितु निरयन———————हेमंत
रितु सायन——————–शिशिर
निरयन——————-दक्षिणायन
सायन———————उत्तरायण
संवत्सर———————हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)———–साधारण
विक्रम संवत—————–2074
विक्रम संवत (कर्तक)——-2074
शाका संवत——————1939
सूर्योदय—————–07:12:32
सूर्यास्त——————17:42:38
दिन काल—————10:30:06
रात्री काल————–13:29:52
चंद्रास्त——————14:18:07
चंद्रोदय——————27:52:40
लग्न— धनु 27°41′ , 267°41′
सूर्य नक्षत्र—————-उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र——————विशाखा
नक्षत्र पाया——————–रजत
पद, चरण
तो—-विशाखा 07:26:42
ना—-अनुराधा 14:06:52
नी—-अनुराधा 20:48:15
नू—-अनुराधा 27:30:40
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=धनु 27°41 उ o षा o, 1 भे
चन्द्र=वृश्चिक 03 ° 18′ विशाखा ‘ 4 तो
बुध=धनु 07 ° 04 ‘ मूल ‘ 3 भा
शुक्र=धनु 28 ° 27’ उo षा o 1 भे
मंगल=तुला 26 ° 21 ‘विशाखा ‘2 तू
गुरु=तुला 24 ° 30 ‘ विशाखा , 2 तू
शनि=धनु 08 ° 29’ मूल ‘3 भा
राहू=कर्क 22 ° 20 ‘आश्लेषा , 2 डू
केतु=मकर 22 ° 20 ‘ श्रवण, 4 खो
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 11:09 – 12:28अशुभ
यम घंटा 15:05 – 16:24अशुभ
गुली काल 08:31 – 09:50अशुभ
अभिजित 12:07 -12:49शुभ
दूर मुहूर्त 09:19 – 10:01अशुभ
दूर मुहूर्त 12:49 – 13:31अशुभ
चोघडिया, दिन
चाल 07:13 – 08:31शुभ
लाभ 08:31 – 09:50शुभ
अमृत 09:50 – 11:09शुभ
काल 11:09 – 12:28अशुभ
शुभ 12:28 – 13:46शुभ
रोग 13:46 – 15:05अशुभ
उद्वेग 15:05 – 16:24अशुभ
चाल 16:24 – 17:43शुभ
चोघडिया, रात
रोग 17:43 – 19:24अशुभ
काल 19:24 – 21:05अशुभ
लाभ 21:05 – 22:46शुभ
उद्वेग 22:46 – 24:28अशुभ
शुभ 24:28 – 26:09शुभ
अमृत 26:09 – 27:50शुभ
चाल 27:50 – 29:31शुभ
रोग 29:31 – 31:13अशुभ
होरा, दिन
शुक्र 07:13 – 08:05
बुध 08:05 – 08:58
चन्द्र 08:58 – 09:50
शनि 09:50 – 10:43
बृहस्पति 10:43 – 11:35
मंगल 11:35 – 12:28
सूर्य 12:28 – 13:20
शुक्र 13:20 – 14:13
बुध 14:13 – 15:05
चन्द्र 15:05 – 15:58
शनि 15:58 – 16:50
बृहस्पति 16:50 – 17:43
होरा, रात
मंगल 17:43 – 18:50
सूर्य 18:50 – 19:58
शुक्र 19:58 – 21:05
बुध 21:05 – 22:13
चन्द्र 22:13 – 23:20
शनि 23:20 – 24:28
बृहस्पति 24:28 – 25:35
मंगल 25:35 – 26:43
सूर्य 26:43 – 27:50
शुक्र 27:50 – 28:58
बुध 28:58 – 30:05
चन्द्र 30:05 – 31:13
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान——-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान -:
15 + 11 + 6 + 1=33 ÷ 4 =1 0 3 शेष
पाताल पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
शिव वास एवं फल -:
26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
विशेष जानकारी
षटतिला एकादशी व्रत (सर्वेषां)
सर्वार्थ सिद्धि योग 7:26 से 0
तिल का भोग ,दाल भक्षण (श्रीनाथ जी)
श्री सुदर्शचक्रावतार भगवान निम्बार्काचार्य 13 वाँ पाटोत्सव महाराष्ट्र
शुभ विचार
एकोऽपि गुणवान् पुत्रो निर्गुणैश्च शतैर्वरः ।
एकश्चन्द्रस्तमो हन्ति न च ताराः सहस्त्रशः ।।
।।चा o नी o।।
सैकड़ों गुणरहित पुत्रों से अच्छा एक गुणी पुत्र है क्योंकि एक चन्द्रमा ही रात्रि के अन्धकार को भगाता है, असंख्य तारे यह काम नहीं करते.
सुभाषितानि
गीता -: गुणत्रयविभाग योगअo-16
मां च योऽव्यभिचारेण भक्तियोगेन सेवते ।,
स गुणान्समतीत्येतान्ब्रह्मभूयाय कल्पते ॥,
और जो पुरुष अव्यभिचारी भक्ति योग (केवल एक सर्वशक्तिमान परमेश्वर वासुदेव भगवान को ही अपना स्वामी मानता हुआ, स्वार्थ और अभिमान को त्याग कर श्रद्धा और भाव सहित परम प्रेम से निरन्तर चिन्तन करने को ‘अव्यभिचारी भक्तियोग’ कहते हैं) द्वारा मुझको निरन्तर भजता है, वह भी इन तीनों गुणों को भलीभाँति लाँघकर सच्चिदानन्दघन ब्रह्म को प्राप्त होने के लिए योग्य बन जाता है॥26॥
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
कानूनी अड़चन दूर होगी। धनार्जन होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। प्रसन्नता रहेगी।
🐂वृष
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। जोखिम न उठाएं। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।
👫मिथुन
बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। धनार्जन होगा। घर में मांगलिक कार्य बनेंगे।
🦀कर्क
दौड़धूप रहेगी। बुरी खबर मिल सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।
🐅सिंह
प्रतिष्ठा बढ़ेगी। मेहनत का फल मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता बनी रहेगी। कार्यक्षेत्र में नयी योजना लागू करेंगे।
🙍🏻कन्या
पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। प्रसन्नता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। कार्यक्षेत्र की सभी समस्याएं दूर होंगी।
⚖तुला
रोजगार में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता मिलेगी। यात्रा से लाभ होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी।
🦂वृश्चिक
लेन-देन में सावधानी रखें। व्ययवृद्धि होगी। झंझटों में न पड़ें। कुसंगति से हानि होगी। जल्दबाजी से बचें। लाभदायी योजनाएं हाथ में आएंगी।
🏹धनु
रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। झंझटों में न पड़ें। विवाद न करें। अधिकारियों का विश्वास हासिल करेंगे।
🐊मकर
आर्थिक नीति में सुधार होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन होगा।
🍯कुंभ
कानूनी अड़चन दूर होगी। आय के स्रोत बढ़ेंगे। चोट व रोग से बचें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। वाहनादि चलाते समय सावधानी रखें।
🐟मीन
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। जल्दबाजी न करें। कार्यों में बाधा होगी। पुराना रोग उभर सकता है।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
जय श्री महाकाल
साभार – पंडित श्री अजय दूबे
ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक कर्मकांड आचार्य
महाकालेश्वर, उज्जैन
+918839926316