सुप्रभात
जय श्री महाकाल
अथ पंचांगम्
*दिनाँक -: 10/01/2018,बुधवार*
माघ , कृष्ण पक्ष
नवमी
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि————-नवमी17:25:12 तक
पक्ष—————————–कृष्ण
नक्षत्र————-स्वाति29:00:32
योग—————–धृति29:10:58
करण————–गरज17:25:12
करण———–वाणिज30:14:02
वार—————————बुधवार
माह——————————माघ
चन्द्र राशि———————–तुला
सूर्य राशि ————————धनु
रितु निरयन———————हेमंत
रीतु सायन——————–शिशिर
निरयन ——————दक्षिणायन
सायन———————-उत्तरायण
संवत्सर———————हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)———–साधारण
विक्रम संवत—————–2074
विक्रम संवत (कर्तक)——-2074
शाका संवत——————1939
सूर्योदय—————–07:12:30
सूर्यास्त——————17:41:04
दिन काल—————10:28:34
रात्री काल————–13:31:27
चंद्रास्त——————13:03:21
चंद्रोदय——————26:07:41
लग्न— धनु 25°39′ , 265°39′
सूर्य नक्षत्र——————पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र———————स्वाति
नक्षत्र पाया———————रजत
*पद, चरण*
रू—-स्वाति09:30:012
रे—-स्वाति 15:58:06
रो—-स्वाति 22:28:19
ता—-स्वाति 29:00:32
*ग्रह गोचर*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=धनु 25°39 ‘पू o षा o, 4 ढा
चन्द्र=तुला 08 ° 33’ स्वाति ‘ 1 रू
बुध=धनु 04 ° 24 ‘ मूल ‘ 2 यो
शुक्र=धनु 25 ° 51’ पू o षा o 4 ढा
मंगल=तुला 25 ° 41 ‘विशाखा ‘2 तू
गुरु=तुला 22 ° 14 ‘ विशाखा , 2 तू
शनि=धनु 08 ° 14’ मूल ‘3 भा
राहू=कर्क 22 ° 36 ‘आश्लेषा , 2 डू
केतु=मकर 22 ° 36 ‘ श्रवण, 4 खो
*शुभा$शुभ मुहूर्त*
राहू काल 12:27 – 13:45अशुभ
यम घंटा 08:31 – 09:50अशुभ
गुली काल 11:08 – 12:27अशुभ
अभिजित 12:06 -12:48अशुभ
दूर मुहूर्त 12:06 – 12:48अशुभ
चोघडिया, दिन
लाभ 07:13 – 08:31शुभ
अमृत 08:31 – 09:50शुभ
काल 09:50 – 11:08अशुभ
शुभ 11:08 – 12:27शुभ
रोग 12:27 – 13:45अशुभ
उद्वेग 13:45 – 15:04अशुभ
चाल 15:04 – 16:23शुभ
लाभ 16:23 – 17:41शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग 17:41 – 19:23अशुभ
शुभ 19:23 – 21:04शुभ
अमृत 21:04 – 22:45शुभ
चाल 22:45 – 24:27*शुभ
रोग 24:27* – 26:08*अशुभ
काल 26:08* – 27:50*अशुभ
लाभ 27:50* – 29:31*शुभ
उद्वेग 29:31* – 31:13*अशुभ
होरा, दिन
बुध 07:13 – 08:05
चन्द्र 08:05 – 08:57
शनि 08:57 – 09:50
बृहस्पति 09:50 – 10:42
मंगल 10:42 – 11:34
सूर्य 11:34 – 12:27
शुक्र 12:27 – 13:19
बुध 13:19 – 14:12
चन्द्र 14:12 – 15:04
शनि 15:04 – 15:56
बृहस्पति 15:56 – 16:49
मंगल 16:49 – 17:41
होरा, रात
सूर्य 17:41 – 18:49
शुक्र 18:49 – 19:56
बुध 19:56 – 21:04
चन्द्र 21:04 – 22:12
शनि 22:12 – 23:19
बृहस्पति 23:19 – 24:27
मंगल 24:27* – 25:34
सूर्य 25:34* – 26:42
शुक्र 26:42* – 27:50
बुध 27:50* – 28:57
चन्द्र 28:57* – 30:05
शनि 30:05* – 31:13
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान——-उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*अग्नि वास ज्ञान -:*
15 + 9 + 4 + 1= 29 ÷ 4 = 1शेष
पाताल पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
*शिव वास एवं फल -:*
24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = सन्ताप कारक
*भद्रावास एवं फल -:*
रात्रि 30:18 से प्रारम्भ
पाताल लोक = धनलाभ कारक
*शुभ विचार*
दर्शनाध्यानसंस्पर्शैर्मत्सी कूर्मी च पक्षिणी ।
शिशुपालयते नित्यं तथा सज्जनसड्गतिः ।।
।।चा o नी o।।
जैसे मछली दृष्टी से, कछुआ ध्यान देकर और पंछी स्पर्श करके अपने बच्चो को पालते है, वैसे ही संतजन पुरुषों की संगती मनुष्य का पालन पोषण करती है.
*सुभाषितानि*
गीता -: गुणत्रयविभाग योगअo-16
समदुःखसुखः स्वस्थः समलोष्टाश्मकाञ्चनः ।,
तुल्यप्रियाप्रियो धीरस्तुल्यनिन्दात्मसंस्तुतिः ॥,
जो निरन्तर आत्म भाव में स्थित, दुःख-सुख को समान समझने वाला, मिट्टी, पत्थर और स्वर्ण में समान भाव वाला, ज्ञानी, प्रिय तथा अप्रिय को एक-सा मानने वाला और अपनी निन्दा-स्तुति में भी समान भाव वाला है॥,24॥,
*दैनिक राशिफल*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। पुराना रोग उभर सकता है। प्रसन्नता रहेगी। यात्रा होगी।
🐂वृष
यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। आलस्य रहेगा। कार्यसिद्धि होगी।
👫मिथुन
मेहनत का फल कम मिलेगा। शोक समाचार मिल सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। चिंता तथा तनाव रहेंगे, धैर्य रखें।
🦀कर्क
मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। मान-सम्मान मिलेगा। धनलाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यावसायिक यात्रा सफल होगी।
🐅सिंह
स्वाभिमान बना रहेगा। चिंता रहेगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। आलस्य रहेगा। परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
🙍🏻कन्या
बेरोजगारी दूर होगी। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। यात्रा लाभ देगी। प्रमाद न करें। आपके द्वारा लिए गए निर्णय लाभप्रद रहेंगे।
⚖तुला
कार्य में बाधा होगी। व्ययवृद्धि से तनाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। लेन-देन में सावधानी रखें। जोखिम न लें।
🦂वृश्चिक
आर्थिक उन्नति होगी। रुका हुआ धन प्राप्त होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। जोखिम लेने से बचें। परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
🏹धनु
वाणी पर नियंत्रण आवश्यक है। जल्दबाजी से कार्य बिगड़ेंगे। योजना फलीभूत होगी। बिगड़ते काम लाभ देंगे। नवीन कार्य की योजना के अवसर प्राप्त होंगे।
🐊मकर
कानूनी अड़चन दूर होगी। धर्म-कर्म में आस्था बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कार्यक्षेत्र में सावधानी रखें।
🍯कुंभ
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरे के झगड़ों में न पड़ें। वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम न लें।
🐟मीन
कानूनी बाधा दूर होगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कुबुद्धि हावी रहेगी। धनलाभ होगा। जोखिम न लें। व्यापारिक गोपनीयता बनाए रखें।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
जय श्री महाकाल
ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक कर्मकांड आचार्य