आईएफडब्ल्यूजे के 128वें राष्ट्रीय अधिवेशन में जुटे देश भर से आए पत्रकार
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनना जरुरी- विजय कुमार चौधरी
पटना । “देश के चौथे स्तंभ ने हर मुश्किल समय में दिशा प्रदान करते हुए अपना कार्य बखूबी निभाया है पत्रकारों के लिए दिन प्रतिदिन चुनौती भरे स्थितियों में जूझना पड़ता है” – यह बातें बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने पटना स्थित भारतीय नृत्यकला मंदिर में आयोजित आईएफडब्ल्यूजे के 128वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में देशभर से आए पत्रकारों के समक्ष कही.
इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन साथ में मौजूद जदयू के एमएलसी रणवीर नंदन, आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड के. विक्रम राव, कांग्रेस के प्रदेश सचिव मंटू शर्मा व वरिष्ट कथाकार ममता मल्होत्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया. वहीं कार्यक्रम का शुभारंभ गायिका सरोज तिवारी ने सरस्वती वंदना से की.
इस मौके पर श्री विजय चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकार देश के चौथे स्तंभ में सबसे मजबूत स्तंभ है. बिहार में पत्रकारों के ऊपर हो रहे हमले से बिहार सरकार गंभीर है. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई तो उनकी लेखनी में सत्यता खत्म हो जाएगी. इसलिए पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनना जरुरी है. वही आईएफडब्ल्यूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. विक्रम राव ने कहा कि बदलते परिवेश में पत्रकारों के चरित्र निर्माण के लिए अपना मूल्यांकन करने की बहुत आवश्यकता है. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों के स्वागत कर धन्यवाद दिया.
इस मौके पर बिहार के महासचिव सुधीर मधुकर ने सरकार को अपने संगठन के माध्यम से बताया कि पत्रकारों पर आए दिन हो रहे हमले से पत्रकार स्वतंत्रता पूर्वक कार्य नहीं कर पा रहे हैं. वही ग्रामीण तबके के पत्रकारों की स्थिति काफी दयनीय है जिस पर सरकार व मीडिया जगत में शामिल लोगों को उन पर ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है. इस मौके पर आईएफडब्ल्यूजे बिहार के पूर्व महासचिव स्वर्गीय डॉ. देवाशीष घोष के तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई और उनके उत्कृष्ट कार्यो को याद किया गया. इस अवसर पर बिहार संगठन के अध्यक्ष शशी भूषण प्रसाद, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आर पी यादव, बिहार महासचिव सुधीर मधुकर, कार्यकारिणी सचिव मोहन प्रसाद, उपाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, उपाध्यक्ष मुकेश महान, सचिव प्रभाष चंद्र शर्मा, चैतन्य भारद्वाज आदि मौजूद थें.