सुप्रभात
जय श्री महाकाल
अथ पंचांगम्
*दिनाँक -: 06/01/2018, शनिवार*
माघ , कृष्ण पक्ष
पंचमी
“””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि————-पंचमी17:09:17 तक
पक्ष—————————–कृष्ण
नक्षत्र—–पूर्वाफाल्गुनी25:19:43
योग———-आयुष्मान10:43:57
करण————-तैतुल17:09:16
करण————-गरज28:30:48
वार————————–शनिवार
माह——————————माघ
चन्द्र राशि———————–सिंह
सूर्य राशि———————— धनु
रितु निरयन———————हेमंत
रितु सायन——————–शिशिर
निरयन——————-दक्षिणायन
सायन———————-उत्तरायण
संवत्सर———————हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)———–साधारण
विक्रम संवत—————–2074
विक्रम संवत (कर्तक)——-2074
शाका संवत——————1939
सूर्योदय—————–07:12:07
सूर्यास्त——————17:38:03
दिन काल—————10:25:55
रात्री काल————–13:34:12
चंद्रास्त——————10:33:56
चंद्रोदय——————22:24:09
लग्न—-धनु 21°34′ , 261°34
सूर्य नक्षत्र——————पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र————पूर्वाफाल्गुनी
नक्षत्र पाया———————रजत
*पद, चरण*
मो—-पूर्वाफाल्गुनी 07:57:22
टा—-पूर्वाफाल्गुनी 13:42:02
टी—-पूर्वाफाल्गुनी 19:29:24
टू—-पूर्वाफाल्गुनी 25:19:43
*ग्रह गोचर*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=धनु 21°34 ‘पू o षा o, 3 फा
चन्द्र=सिंह 16° 19’पू oफा o’ 1 मो
बुध=वृश्चिक 29 ° 23 ‘ ज्येष्ठा ‘4 यू
शुक्र=धनु 20 ° 39’ पू o षा o 3फा
मंगल=तुला 23 ° 14 ‘विशाखा ‘2 तू
गुरु=तुला 23 ° 34 ‘ विशाखा , 1ती
शनि=धनु 07 ° 54’ मूल ‘3 भा
राहू=कर्क 22 ° 36 ‘आश्लेषा , 2 डू
केतु=मकर 22 ° 36 ‘ श्रवण, 4 खो
*शुभा$शुभ मुहूर्त*
राहू काल 09:08 – 10:30अशुभ
यम घंटा 13:15 – 14:37अशुभ
गुली काल 06:24 – 07:46अशुभ
अभिजित 11:31 -12:14शुभ
दूर मुहूर्त 07:52 – 08:35अशुभ
चोघडिया, दिन
काल 06:24 – 07:46अशुभ
शुभ 07:46 – 09:08शुभ
रोग 09:08 – 10:30अशुभ
उद्वेग 10:30 – 11:52अशुभ
चाल 11:52 – 13:15शुभ
लाभ 13:15 – 14:37शुभ
अमृत 14:37 – 15:59शुभ
काल 15:59 – 17:21अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ 17:21 – 18:59शुभ
उद्वेग 18:59 – 20:37अशुभ
शुभ 20:37 – 22:15शुभ
अमृत 22:15 – 23:53शुभ
चाल 23:53 – 25:31*शुभ
रोग 25:31* – 27:08*अशुभ
काल 27:08* – 28:46*अशुभ
लाभ 28:46* – 30:24*शुभ
होरा, दिन
शनि 06:24 – 07:19
बृहस्पति 07:19 – 08:14
मंगल 08:14 – 09:08
सूर्य 09:08 – 10:03
शुक्र 10:03 – 10:58
बुध 10:58 – 11:52
चन्द्र 11:52 – 12:47
शनि 12:47 – 13:42
बृहस्पति 13:42 – 14:37
मंगल 14:37 – 15:31
सूर्य 15:31 – 16:26
शुक्र 16:26 – 17:21
होरा, रात
बुध 17:21 – 18:26
चन्द्र 18:26 – 19:31
शनि 19:31 – 20:37
बृहस्पति 20:37 – 21:42
मंगल 21:42 – 22:47
सूर्य 22:47 – 23:53
शुक्र 23:53 – 24:58
बुध 24:58* – 26:03
चन्द्र 26:03* – 27:08
शनि 27:08* – 28:14
बृहस्पति 28:14* – 29:19
मंगल 29:19* – 30:24
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान——-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा काला चना खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*अग्नि वास ज्ञान -:*
15 + 5 + 7 + 1= 28 ÷ 4 = 0 शेष
पृथ्वी पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*शिव वास एवं फल -:*
20 + 20 + 5 = 45 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभा रूढ़ = शुभ कारक
*शुभ विचार*
कोऽतिभारः समर्थानां किं दूरं व्यवसायिनाम्।
को विदेशः सुविद्यानां कः परः प्रियवादिनाम् ।।
।।चा o नी o।।
शक्तिशाली लोगों के लिए कौनसा कार्य कठिन है ? व्यापारिओं के लिए कौनसा जगह दूर है, विद्वानों के लिए कोई देश विदेश नहीं है, मधुभाषियों का कोई शत्रु नहीं.
*सुभाषितानि*
गीता -: गुणत्रयविभाग योगअo-16
गुणानेतानतीत्य त्रीन्देही देहसमुद्भवान् ।,
जन्ममृत्युजरादुःखैर्विमुक्तोऽमृतमश्नुते ॥,
यह पुरुष शरीर की (बुद्धि, अहंकार और मन तथा पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ, पाँच भूत, पाँच इन्द्रियों के विषय- इस प्रकार इन तेईस तत्त्वों का पिण्ड रूप यह स्थूल शरीर प्रकृति से उत्पन्न होने वाले गुणों का ही कार्य है, इसलिए इन तीनों गुणों को इसी की उत्पत्ति का कारण कहा है) उत्पत्ति के कारणरूप इन तीनों गुणों को उल्लंघन करके जन्म, मृत्यु, वृद्धावस्था और सब प्रकार के दुःखों से मुक्त हुआ परमानन्द को प्राप्त होता है॥,20॥,
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। परिवार की चिंता रहेगी।
🐂वृष
दु:खद समाचार मिल सकता है। विवाद न करें। पुराना रोग उभर सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। नए अवसर प्राप्त होंगे।
👫मिथुन
घर-परिवार की चिंता रहेगी। विवाद से बचें। प्रयास सफल रहेंगे। मान-सम्मान मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। गुप्त शत्रुओं से सतर्क रहें।
🦀कर्क
शत्रु परास्त होंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। शुभ समाचार मिलेंगे। सम्मान बना रहेगा। प्रसन्नता रहेगी। परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
🐅सिंह
रोजगार में वृद्धि होगी। अप्रत्याशित लाभ होगा। कोशिशें सफल रहेंगी। चिंता रहेगी। यात्रा सफल रहेगी। आपके द्वारा लिए गए निर्णय लाभप्रद रहेंगे।
🙍🏻कन्या
फालतू विवाद में न पड़ें। चिंता रहेगी। कुसंगति से हानि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान आवश्यक है। व्यर्थ के विवादों से दूर रहें।
⚖तुला
बेचैनी रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। बकाया वसूली होगी। यात्रा लाभकारी रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। घर में मांगलिक कार्य बनेंगे।
🦂वृश्चिक
विवाद न करें। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। मान-सम्मान मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। कार्य बनने से हर्ष रहेगा।
🏹धनु
धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होगी। धनलाभ होगा, आंखों में पीड़ा संभव है। जोखिम न लें। नए कार्य के लिए लोन लेंगे।
🐊मकर
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। कुसंगति व जोखिम उठाने से बचें। भागदौड़ रहेगी। कार्यक्षेत्र की सभी समस्याएं दूर होंगी।
🍯कुंभ
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शत्रु परास्त होंगे। सुख के साधन जुटेंगे। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा। अधिकारियों का विश्वास हासिल करेंगे।
🐟मीन
भूमि व भवन संबंधी योजना बनेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। आय बढ़ेगी। प्रमाद न करें।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
जय श्री महाकाल
ज्योतिषाचार्य एवं वैदिक कर्मकांड आचार्य