कामयाबी पाने की तमन्ना हर किसी की होती है। लेकिन इसे पाना कठिन व् पेचीदा है। अगर कामयाबी/सफलता मिल भी गई तो उसे कायम रखना मुश्किल होता है। वैसे तो शिखर पर बने रहने के लिए जरूरी है काबिलियत, जज्बा और लगातार चलते रहने की इच्छा शक्ति। किंतु सुख के साथ दु:ख भी जीवन का हिस्सा है, जो किसी न किसी रूप में जीवन की गति को बाधित करता ही है। इसलिए हर व्यक्ति ऐसे उपाय और तरीके अपनाना चाहता है, जो सरल और एक के बाद एक कामयाबी देने में कारगर हो। हमारे हिन्दू धर्म शास्त्रों में ज़िंदगी में आने वाली अनचाही परेशानियों, कष्ट, बाधाओं और संकट को दूर करने के लिए ऐसे देवताओं की उपासना के धार्मिक उपाय बताए हैं, जो न केवल मुश्किल हालात में भरपूर मानसिक शक्ति और शांति देते है, बल्कि उनका अचूक प्रभाव हर भय चिंता से मुक्त कर सफलताओं की बुलंदियों तक ले जाता है। यहां कुछ ऐसे देवताओं के मंत्र बताए जा रहें हैं। जिनको घर, कार्यालय, सफर में मन ही मन बोलना भी संकटमोचक माना गया है। इन मंत्रों को बोलने के अलावा यथासंभव समय निकालकर साथ ही बताई जा रही पूजा सामग्री संबंधित देवता को जरूर चढ़ाएं –
शिव-पंचाक्षर मंत्र – नम: शिवाय,
षडाक्षरी मंत्र – ऊँ नम: शिवाय
पूजा सामग्री – जल व बिल्वपत्र।
श्री गणेश मंत्र – ऊँ गं गणपतये नम:
पूजा सामग्री – दूर्वा, सिंदूर
विष्णु मंत्र – ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
पूजा सामग्री – पीले फूल या वस्त्र
महामृंत्युजय मंत्र – ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धि पुष्टिवर्द्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धानान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ।।
पूजा सामग्री – दूध मिला जल, धतूरा।
श्री हनुमान मंत्र – ऊँ हं हनुमते नम:
पूजा सामग्री – सिंदूर, गुड़-चना
इन मंत्रों के जप के समय सामान्य पवित्रता का ध्यान रखें। जैसे घर में हो तो देवस्थान में बैठकर, कार्यालय में हो तो पैरों से जूते-चप्पल उतारकर इन मंत्र और देवताओं का ध्यान करें। इससे आप मानसिक बल पाएंगे, जो आपकी ऊर्जा को जरूर बढ़ाने वाले साबित होंगे।
प्रस्तुति – निखिल के डी वर्मा
सौजन्य – पंडित श्री अजय दुबे,
महाकालेश्वर, उज्जैन (8839926316)