आखिरकार शिक्षकों को सरकार के एक और तालीबानी आदेश से मुक्ति मिल गई है.शिक्षकों संघों के भारी विरोध और मीडिया में आई खबरों के बाद सरकार को अपना ये फैसला वापस लेना पड़ा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्वच्छता के प्रति प्रधानमंत्री मोदी और बिहार के सीएम प्राथमिकता के आधार पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. यही कारण है कि सरकार ने समाज में प्रतिष्ठा की नजर से देखे जाने वाले शिक्षकों को इस कार्य में लगाने का निर्णय लिया है. शिक्षा मंत्री के बयान के बाद मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड के BEO ने शौच की निगरानी करने का पत्र स्थगित कर दिया. इस आदेश के निरस्त होने के बाद यह साफ हो गया है कि शिक्षक अब शौच की निगरानी नहीं करेंगे.
इस मामले में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने गुरुवार को कहा कि खुले में शौच करते लोगों के साथ शिक्षकों को सेल्फी नहीं लेनी है बल्कि सामाजिक तौर पर लोगों को सुबह शाम जागरूक करना है. सामाजिक तौर पर शिक्षक जो समाज में आदर के भाव से देखे जाते हैं. वे लोगों को सिर्फ खुले में शौच करने से सुबह एवं शाम लोगो को मना करें.