CM के साथ सेल्फी पर मचा हंगामा
पार्टी अध्यक्ष ने तत्काल जेडीयू से किया बाहर
शराब माफिया ने ली थी सीएम के साथ सेल्फी
आरा हूच कांड का मुख्य आरोपी है राकेश सिंह
आरा के उदवंतनगर के जदयू प्रखंड अध्यक्ष राकेश सिंह को नीतीश कुमार के साथ सेल्फी खिंचवाना महंगा पड़ गया. सेल्फी के वायरल होने के 24 घंटे के भीतर राकेश को पार्टी ने निष्कासित कर दिया. दरअसल जद नेता राकेश वर्ष 2012 में आरा में जहरीली शराब से हुई मौत का मुख्य आरोपी था. जानकारी के अनुसार 2012 में जहरीली शराब में लगभग 30 लोगों की मौत हो गयी थी, जिसमें शराब माफिया राकेश सिंह को गिरफ्तार किया गया था. राकेश सिंह दो वर्षों तक जेल के सलाखों के बीच रहा. उसके बाद जमानत पर बाहर आया.
क्या था मामला?
दो दिन पहले प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार ने दहेजबंदी अभियान के तहत आरा के एक परिवार को अपने सरकारी आवास पर बुलाया था. इस दौरान आरा के रिटायर्ड हेडमास्टर हरिंद्र सिंह के साथ-साथ राकेश सिंह भी CM आवास पहुंचा. राकेश हरिंद्र सिंह का रिश्तेदार बताया जाता है. ज़हरीली शराब कांड के मुख्य आरोपी को भी सम्मान सहित नीतीश ने CM आवास पर बुलाकर उसे सम्मानित किया. यही नही आरा में दबंग छवि वाला राकेश जिले की पूर्व महिला सांसद का रिश्तेदार भी बताया जाता है. CM से मुलाकात के बाद राकेश ने सोशल मीडिया पर तीन तस्वीरें डालीं जिसमें एक सेल्फी और दो अन्य तस्वीरें थी. सोशल मीडिया में तस्वीर के आते ही वह वायरल हो गईं. कारण सिर्फ एक ही था कि CM के साथ जिस शख्स ने सेल्फी ली थी जो साल 2012 में भोजपुर जिले के आरा में जहरीली शराब से हुई 30 लोगों की मौत के मामले में मुख्य आरोपी था. इतनी भारी संख्या में हुई जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा मुख्य आरोपी को पूरा प्रदेश जानता था. ऐसे में CM के साथ तस्वीर को देखते विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया. सोशल मीडिया पर सभी ने एक स्वर में कहा कि एक तरफ शराबबंदी और दूसरी तरफ शराब माफिया के साथ सेल्फी, ये ढोंग सरकार बैंड करे. विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने फोटो को ट्वीट करते हुए भी शराबबंदी पर तंज कसा है. वही NSUI ने भी इस फोटो के साथ शराबबंदी और नीतीश के दोहरे मापदंड पर तंज कसा.
पार्टी ने की कार्रवाई, राकेश हुआ निष्कासित
सरकार ने अपनी बेइज्जती देखते ही राकेश पर कार्रवाई की ठानी और उसे तत्काल प्रभाव से जेडीयू से निकाल दिया गया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने ये कार्रवाई करते हुए कहा कि राकेश दहेज प्रथा के ख़िलाफ़ क़दम उठाने वाले हरिंद्र सिंह का दूर का रिश्तेदार था. इस वजह से वो मुख्यमंत्री से मुलाक़ात करने पहुंच गया. अपराधिक इतिहास की जानकारी मिलते ही उसे तुरंत पद के साथ-साथ पार्टी की मेंबरशिप से भी हटा दिया गया.
विवादों से चर्चा में आये राकेश सिंह ने पार्टी से बर्खास्तगी के बाद अपनी सफाई में कहा कि वो जदयू जिलाध्यक्ष के आग्रह पर मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर गया. राकेश के अनुसार भोजपुर जिले में 2012 में हुए शराब काण्ड का आरोपी पुलिस ने उसे जबर्दस्ती बना दिया था. शराब की 2 लाइसेंसी दुकान चलाने वाले राकेश के मुताबिक उस समय के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक रवीश कुमार से उसकी अनबन चल रही थी जिस कारण उसे इस कांड का आरोपी बनाते हुए जेल भेज दिया गया था. इस मामले का ट्रायल अभी भी कोर्ट में चल रहा है.
आरा से आशुतोष के साथ ओपी पांडे