प्रखंड कार्यालय कैंपस में शौचालय की सुविधा नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सात निश्चय में हर घर नल का जल की बानगी देखनी हो तो इसके लिए सटीक व उपयुक्त स्थान ज्यादा दूर नहीं है. राजधानी पटना से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है मनेर प्रखंड कार्यालय.
patnanow की टीम जब ने मनेर प्रखंड कार्यालय में मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना की जानकारी ली तो आश्चर्य का ठिकान नहीं रहा. मनेर प्रखंड कार्यालय परिसर में कहीं पर जल की व्यवस्था ही नहीं और ना ही शौचालय है. ऐसे में अब सवाल उठना लाजमी है.
एक तरफ तो गांव – शहर में केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान की पहल हो रही है वहीं मनेर प्रखंड कार्यालय में स्वच्छता पर ग्रहण लगता दिख रहा है. इसमें सबसे बड़ी बात तो यह है कि मनेर प्रखंड के अंतर्गत आने वाले गांवों की बड़ी संख्या है. जहां रोजाना लगभग दस हजार महिला, पुरूष व छात्र – छात्राओं का आना जाना लगा रहता है. ऐसे में उन लोगों को शौचालय जाना गंभीर समस्या बन चुकी है और प्रखंड परिसर में लगे जंगल झाड़ी का सहारा लेना पड़ता है.
यहां तक कि मनेर प्रखंड कार्यालय के परिसर में बैठने की भी सुविधा नहीं है. जमीन पर ही बैठकर ग्रामीण अपना काम निपटाते हैं. इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि बहुत समय पहले यहां चापाकल लगाया गया था जिसे खराब होने के कारण उपयोग में नहीं लाया जा रहा है और इस पर किसी भी पदाधिकारी का ध्यान नहींं है. होगा भी कैसे? पदाधिकारी अगर आम जनता के काम के बारे में भी सोच लें तो बहुत बड़ी बात है मगर प्रश्न यह उठता है कि संपूर्ण मनेर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को कठोर नीति से लागू कराने वाला प्रखंड कार्यालय में शौचालय, नल जल से महरूम क्यों है. क्या बिहार सरकार ने प्रखंड में स्वच्छता, शौचालय, नल और जल की उपयोगिता पर रोक लगा दी है. मनेर विधानसभावासियों सहित जनप्रतिनिधियों व उच्च पदाधिकारियों के लिए यह सोचनेवाली बात है.
पटना से अजीत