सड़क पर स्कूल ” शिक्षा अधिकार आंदोलन ”
आजादी के 70 साल बाद भी गरीब-दलित, मेहनतकश किसान-मजदूरों, अल्पसंख्यक के बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया जा रहा है सरकारी विद्यालय गरीब बच्चों का भविष्य व शिक्षा के कत्लगाह के रूप में बदल गए हैं. इसी को लेकर कलका उप हाई स्कूल में सभी विषयों की पढ़ाई सुनिश्चित करने राम दाहिन मिश्र उच्च विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने सहित 12 सूत्री मांगों को ले गड़हनी काउप,पडरिया,डेवढ़ी सहित दर्जनों स्कूल के सैकड़ो छात्र छत्राओं ने इंकलाबी नौजवान सभा के बैनर तले आरा-सासाराम मुख्य मार्ग के गड़हनी के सड़क पर स्कूल लगा दिया. जिससे आरा-सासाराम मुख्य मार्ग लगभग छः घंटे बाधित रहा. जाम इतनी भयावह हो गई कि सड़क के दोनों तरफ तीन किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गईं.
वही एक सभा का भी आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मनोज मंजिल ने की. सभा को संबोधित करते हुए मनोज ने कहा कि बिहार की स्कूली शिक्षा जर्जर हो गयी है, बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. एक तरफ 8 घंटी पढ़ाई, पाठ्य-पुस्तक-शिक्षकों की कमी, क्लासरूम, शौचालय, का घोर अभाव, छात्रवृति में कटौती तो दूसरी तरफ शिक्षकों को समान काम के समान वेतन , समय से वेतन न दे कर सरकार स्कूलों को पंगु बना रही है. सरकारी विद्यालयों में गरीब दलित, किसान- मजदूर, शोषितों के बच्चे ही पढ़ते है. इस लिए इनके भविष्य की चिंता सरकार को नही है। सरकार शिक्षा के कॉरपोरेट परस्त, बाजारीकरण, निजीकरण के अपने नीति को आगे बढ़ा रही है।काउप उच्च विद्यालय दो शिक्षकों के भरोशे चल रहा हैं।विद्यालय में चापाकल,शौचालय का अभाव है.
राम दाहिन मिश्र उच्च विद्यालय में दो घंटी की पढ़ाई होती हैं. वही पूरे प्रखंड में जीव विज्ञान का प्रयोगशाला नही है. जाम हटवाने के लिए गड़हनी बीडीओ,सीईओ,थाना प्रभारी ने प्रयास करना चाहा तो वक्ताओं ने साफ शब्दों में कहा कि जबतक जिला शिक्षा पदाधिकारी नही आएंगे तब तक जाम नहीं हटेगा. वक्ताओं के तेवर देख ये तीनो पदाधिकारी मौके पर दस्तक दे बैठे रहे. साथ ही मेडिकल टीम को भी बुला लिया. सभा में एक छात्रा की तबीयत बिगड़ी जिसका इलाज गड़हनी पीएचसी में किया गया. बाद में सभा स्थल पर पहुंचे डीपीओ ने काफी प्रयास किया कि जाम को खत्म कराया जाए लेकिन लोग कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. जिला शिक्षा पदाधिकारी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे. डीपीओ ने बताया कि प्रारम्भिक विद्यालय में शिक्षकों की कोई कमी नही हैं।बिल्डिंग और शौचालय भी ठीक है. हाईस्कूल में शिक्षकों की कमी है. किताबें ऊपर से ही नही आ रहा हैं.
वही बीडीओ राजीव कुमार का कहना है कि अवैध तरीके से मुख्य पथ को जाम किया गया है, बच्चों को गुमराह करके लेकर आया गया है और जाम करवाया गया है. उच्च अधिकारियों के आदेश पर उचित करवाई की जाएगी. थाना प्रभारी कुँवर प्रसाद गुप्ता अपने दल बल के साथ मौके पर डटे रहे. बाद में जिला शिक्षा पदाधिकारी आश्वासन दिया कि हमारे स्तर का जोभी समस्या हैं उसका समाधान करने का प्रयास करूंगा. वक्ताओं के एक सवाल के जवाब में डीईओ ने कहा कि सम्भवतः जल्द से जल्द पुस्तक वितरण कराया जाएगा. वक्ताओं का कहना था कि सरकार ये जानती है कि अमीरों , कॉरपोरेट घराने, के लाडले बेटों-बेटियों के लिए निजी विद्यालयों की भरमार है जिसमे योग शिक्षक , शिक्षण का उत्तम माहौल, उपलब्ध हैं.
सरकार ऐसा कर के बच्चों को शिक्षा के अधिकार का संवैधानिक अधिकार से बेदखली कर रही है.
इसीलिए आइसा-इनौस ने उपर्युक्त तमाम मुद्दों पर संघर्ष के लिए ‘सड़क पर स्कूल’ शिक्षा अधिकार आंदोलन छेड़ा है. यह अभियान अपने सफलता के सातवें चरण में है. आइसा-इंनौस के नेतृत्व में गड़हनी में आरा-सासाराम मुख्यमार्ग पर सड़क पर स्कूल लगाया. बाद में जिला शिक्षा पददाधिकारी के आश्वासन पर जाम को खत्म कराया गया. इस मौके पर मनोज मंजिल शिव प्रकाश रंजन,सवीर,संतोष झा,उज्ववल कुमार,विनोद मिश्रा, अमित कुमार बंटी कबि कृष्ण कुमार निर्मोही भी मौजूद थे.
गड़हनी से मुरली मनोहर जोशी