फैशन डिजाइनर अमरेश का नया प्रयोग
योजनाओं को बनाया फैशन का डिजाइन
अजमेर से पटना नाउ की स्पेशल लाइव रिपोर्टिंग
अजमेर के पंचशील के वैशाली नगर में है एक छोटा सा फैशन स्कूल- EF THE SCHOOL. पिछले पांच सालों से फैशन के क्षेत्र में काम कर रहे युवा फैशन डिजाइनर अमरेश सिंह इसे चलाते हैं. यह फैशन स्कूल इसी साल खुला है और यहां युवाओं का एक दल असीम ऊर्जा के साथ काम करता है. देखने मे सभी कम उम्र के जरूर दिखते हैं पर काम उम्र से ज्यादा परिपक्वता के साथ दिखता है. यहाँ काम करने वाले युवा डिजाइनरो और छात्रों ने मिलकर प्रधानमंत्री मोदी के लिए खादी के रुमाल तैयार किया है. अब आप यह सोच रहे होंगे कि खादी के इस रुमाल में ऐसा क्या है जो फैशन डिजाइनर इसे बना रहे हैं. जी हां यह खास इसलिए है क्योंकि यह रुमाल आम रुमाल से भिन्न है. एक तो PM के पसंदीदा कपड़े खादी का है और 12 महीने के लिए 12 अलग-अलग रंगों में यह बनाया गया है. रंगों का चयन मोदी के पहनने वाले परिधानों के रंगों को ध्यान में रखकर किया गया है. इन सभी रूमालों पर भारत सरकार के कई योजनाओं को अंकित किया गया है. बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ, स्वच्छ भारत मिशन, कौशल विकास योजना, मुद्रा योजना, सहित कई अन्य योजनाओं को अंकित किया गया है.
ये है तैयार करने वाले युवा डिजाईनर
रुमाल को तैयार करने में अमरेश कुमार सिंह
फैशन डिजाइनर(MSc फैशन टेक्नोलॉजी), चंचल वर्मा
फैशन डिजाइनर(MSc फैशन टेक्नोलॉजी), जाह्नवी राणावत, अर्चना मीणा और पीयूष शर्मा ने संयुक्त रूप से काम किया है. युवाओ की ऊर्जावान टीम से खादी के प्रति लोगों के रुझान बढ़ने के उम्मीद हैं. चाहे फैशन स्टूडेंट हों या फैशन डिजाइनर सभी अमरेश के मधुर व्यवहार के मुरीद हैं तभी तो उनके साथ काम करने वाली उनकी सहयोगी चंचल वर्मा कहती हैं कि हमे किसी काम को करने में ऊर्जा दुगुनी मिलती है क्योंकि यहाँ सबका श्रेय पूरी टीम को अमरेश देते है.
कैसे बना प्लान
बताते चलें कि युवा डिजाइनर अमरेश खादी पर काम करने वाले वो डिजाइनर हैं जिन्होंने खादी की सबसे लंबी गाउन बनाकर विश्व रिकार्ड बनाया है. संभवतः अगले वर्ष के अंक में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम भी देखने को मिलेगा. अमरेश बताते हैं कि उन्होंने न्यूज के माध्यम से यह सुना कि उदयपुर आने के दौरान वे फूल और रुमाल के अलावे कुछ भी नही स्वीकार करेंगे. फिर क्या था, अमरेश ने प्रधानमंत्री के योजनाओ को रुमाल पर उतार एक ऐसा फैशन प्रचलन लाने का सोचा जो जन-जन तक जाए. रुमाल पर संदेश और खादी के इस रुमाल की मांग बढ़ती है तो निश्चय ही स्वदेशी कपड़ो के ब्यापार में इजाफा होगा. आखिर मोदी की सोच भी तो यही है तभी तो उन्होंने मन की बात में भी सभी को सप्ताह में कम से कम एक दिन खादी उपयोग करने की बात कही थी.
अजमेर से ओपी पांडे की विशेष रिपोर्ट