बिहार के शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला
50 से ज्यादा उम्र के अक्षम शिक्षकों की होगी छुट्टी
कई शिक्षकों-अधिकारियों को जबरन रिटायर करेगी सरकार
इस साल मैट्रिक और इंटर परीक्षा में खराब रिजल्ट की मार ना सिर्फ ज्यादा उम्र के शिक्षकों बल्कि शिक्षा अधिकारियों पर भी पड़ने वाली है. आज सीएम नीतीश ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि जिन स्कूलाें में एक भी बच्चे पास नहीं हुए या रिजल्ट मात्र पांच प्रतिशत हुआ है, वहां कार्यरत 50 से अधिक उम्र के शिक्षकों को सरकार अनिवार्य सेवानिवृति देगी.
पटना में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में इस बात पर मुहर लगी कि इंटर परीक्षा में जीरो रिजल्ट वाले विद्यालयों के 50 वर्ष से अधिक उम्र के शिक्षकों को सरकार हटा देगी. यानि उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी. बता दें कि ऐसे करीब 250 स्कूल हैं जहां एक भी छात्र पास नहीं हुआ. इसके साथ ही खराब रिजल्ट वाले जिलों में तैनात शिक्षा विभाग के अफसरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी. संबंधित शैक्षिक सत्र में उन जिलों में तैनात अफसरों की सूची तैयार की जा रही है. दूसरे चरण में ऐसे स्कूलों के शिक्षकों पर भी कार्रवाई होगी जहां बमुश्किल 5 फीसदी रिजल्ट हुआ है.
मीटिंग के बाद चीफ सेक्रेट्री अंजनी कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि 50 से ज्यादा उम्र के अक्षम शिक्षकों को अनिवार्य रिटायरमेंट देने का काम एक महीने के भीतर ही होगा. ऐसे स्कूलों की सूची तैयार है. उन्होंने कहा कि वैसे नियोजित शिक्षक जो पात्रता परीक्षा में तीन बार फेल हो गए हैं, उन्हें सरकार तुरंत स्कूल से बाहर करेगी. उनके मामले में किसी तरह का विचार नहीं किया जाएगा. समीक्षा बैठक में CM के साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री केपी वर्मा, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव RK महाजन के साथ BSEB अध्यक्ष आनंद किशोर भी शामिल थे.