नई सरकार पर संकट के बादल

एक तरफ नीतीश कुमार अपने पुराने सहयोगी के साथ सरकार बना रहे थे वहीं दूसरी ओर इस नई सरकार के गठन के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस मामले में 2 याचिकाएं दायर की गई हैं. एक याचिका बड़हरा के राजद विधायक सरोज यादव ने दायर की है. जबकि दूसरी याचिका नौबतपुर के समाजवादी नेता जितेन्द्र कुमार ने दायर की है. दोनो याचिकाओं पर एक साथ 31 जुलाई को मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ सुनवाई करेगी.




याचिकाकर्ता ने राज्यपाल के फैसले पर हैरानी जाहिर कर कहा है कि नियम के मुताबिक राज्यपाल को सबसे पहले राजद को सरकार बनाने का न्योता देना चाहिए था. लेकिन अफरातफरी में नीतीश कुमार को आमंत्रित कर लिया गया. ऐसा कर राज्यपाल ने  गैर संवैधानिक कार्य किया है. इससे पूरे देश में गलत संदेश जाएगा. याचिकाकर्ता ने SR बोम्मई केस का हवाला देते हुए कहा है कि जब ऐसी  स्थिति बनती है तो राज्यपाल एवं केन्द्र सरकार को क्या करना चाहिए. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी जिक्र किया गया है जब 2006 में  रामेश्वर प्रसाद एवं भारत सरकार के मामले में भी सु्प्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि अधिक विधायक वाली पार्टी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया जाना चाहिए.

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