युवतियों को दे रहे सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग
अपनी पढ़ाई के साथ निःशुल्क ट्रेनिंग देकर बढ़ा रहे लड़कियों का मनोबल
बक्सर जिले में लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें बताया जा रहा है कि किस तरह सेल्फ डिफेंस होना है. क्योंकि हर समय हमारे साथ हमारे भाई माता-पिता और पुलिस नहीं होती है. वैसी संकट की घड़ी में हम अपने आत्मसम्मान की रक्षा किस तरह कर सकते हैं. इसकी ट्रेनिंग उन्हें दी जा रही है. युवतियों को यह ट्रेनिंग पारंपरिक हथियार चलाने के गोल्ड मेडेलिस्ट रह चुके अभिराम दुबे दे रहे हैं. सेल्फ डिफेंस के अलावे इन लड़कियों को लाठी चलाने के तरीके भी सिखाये जा रहे हैं, जिससे मुसीबत के समय ये लड़कियां इन्हें हथियार के रूप में प्रयोग करके अपनी रक्षा कर सके. बता दें कि लड़कियों के साथ आए दिन होने वाली घटनाओं से मोर्चा लेने के लिए इन लड़कियों को लाठी चलाने की बारीकियों को सिखा रहे हैं. अभिराम ने बताया कि महिलाओं के साथ अपराधिक घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. आत्मरक्षा, धर्मरक्षा और राष्ट्र की रक्षा के लिए ये ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे मुसीबत के समय ये लड़कियां अपने सम्मान की रक्षा खुद कर सके.
छात्राओं को फाइटिंग सीखा रहे अभिराम दुबे
सबक सिखाने के लिए हैं तैयार
समाज मे घरेलू हिंसा व युवतियों के साथ छेड़खानी आदि की घटनाएं बढ़ी हैं. इसलिए बेटियों को रोमियो, मजनुओं, लफुओं व अराजक तत्वों के द्वारा छेड़खानी और छीटांकसी से बचाने के लिए लाठी चलाने का तरीका सीखाने की ठानी है. लाठी चलाने की कला में महारथ हासिल करने वाली इन लड़कियों सृष्टि, काव्या, ममता आदि का कहना है कि अब समय आ गया है कि इस कला को हर लड़की खुद की हिफाजत के लिए सीखे. वहीं असामाजिक तत्वों के साथ साथ गुंडों बदमाशों को कड़ा सबक सिखाने के लिए अब पूरी तरह से तैयार हो गई है.
तीन बार गोल्ड मेडेलिस्ट रहा है अभिराम
कराटे से स्पोर्ट्स में करियर की शुरुआत करने वाले अभिराम वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहे हैं. कराटे में उन्होंने एशिया लेवल पर फाइट किया है. छत्तीसगढ़ में आयोजित तलवारबाजी में नेशनल लेवल पर तीसरा पोजीशन पाया. सिलंबम (साउथ इंडियन मार्शल आर्ट) में राज्यस्तरीय बॉक्सिंग में तीन बार गोल्ड मेडलिस्ट रहा है. मूलतः चौसा के रहने वाले अभिराम का परिवार शहर के मुसाफिरगंज में रहता है. उनके पिता विनोद दुबे किसान व मां रंजू रानी सरकारी स्कुल में शिक्षिका हैं.
अमेरिकी ट्रेनर के साथ अभिराम दुबे
लड़कियों में बढ़ा रहे आत्मबल
लड़कियों को खेल से जोड़ा जिन्होंने राज्यस्तरीय व देश स्तरीय खेल में अपने जिले का नाम रोशन किया. उनकी दो छात्राएं कविता सिंह व तृप्ति शर्मा राज्यस्तरीय चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मैडल हासिल किया है. बहुत सारे मार्शल आर्ट के विधाओं को सिखने के बाद घरेलु महिलाओं, ऑफिस, कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए आसानी से और वास्तविक आत्मरक्षा की कला का प्रसार कर रहे हैं. जिले के विभिन्न सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में भी लड़कियों को फाइटिंग की तकनिकी सिखाते रहते हैं. महिला सुरक्षा के लिए समय-समय पर स्कूल व कॉलेज में सेमिनार आयोजित करते हैं. उभरते खिलाडियों के लिए जिले में प्लेटफॉर्म दे रहे हैं. जिसके बदौलत ताइक्वांडों में राजयस्तरीय प्रतियोगिता में बक्सर की टीम तीसरे स्थान पर रही.
जुलाई से शुरू करेंगे आत्मरक्षार्थ ट्रेनिंग
महिलाओं की आत्मरक्षा के लिए आजीवन फायदेमंद ट्रेनिंग की शुरुआत जुलाई महीने से किया जाएगा. जिसके तहत रेप, यौन उत्पीड़न, घरेलु हिंसा आदि के विरोध की तकनिकी सिखाई जायेगी. वे अपने मार्शल आर्ट के शिक्षक सिफु रिद्धि सुट्टा, मन्नी डे गिल मंतोष (ऑस्ट्रेलिया) सिफु कीथ एलेन (अमेरिका) से विशेष ट्रेनिंग के लिए फिलहाल गुजरात गए हैं. उन्होंने बताया कि बच्चों महिलाओ के साथ-साथ वयस्कों के लिए भी शारीरिक स्फूर्ति और विकास के लिए अति महत्वपूर्ण है.
बक्सर से ऋतुराज