आतंकियों को मार सेना के जवान ने नौजवानों में भर दिया है एक जोश और जुनून
दो आतंकियों को मारकर और तीसरे को घायल कर जम्मू -कश्मीर के कुपवाड़ा बेस कैम्प को बचाने वाले जवान की चर्चा पूरे देश में हो रही है. सेना के जिस बहादुर सिपाही पर पूरे देश को नाज है उसका नाम है “ऋषि कुमार” और उस वीर बाँकुड़ा का घर है धनछुंहा. जो बिहार के भोजपुर जिले में पड़ता है. जिला मुख्यालय से महज 55 किलोमीटर दूर सहार क्षेत्र में स्थित है धनछुहां गांव, जहां जन्म लिया देश के इस वीर सपूत ने. बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा आतंकी हमले में गुरुवार को सेना के एक कैप्टन और दो जवानों ने अपनी शहादत दे दी. वही जवाबी फायरिंग में भारतीय सेना ने भी दो आतंकियों को मार गिराया था. बिहार के भोजपुर के ऋषि कुमार ने इस जवाबी हमले में त्वरित कार्रवाई का परिचय देते हुए दो आतंकियों को मारकर जिले के साथ देश का नाम रौशन किया था.
गांववालों का हीरो बन गया है ऋषि
ऋषि की वीरता की जानकारी जैसे ही वालों को लगी खुशी की लहर गांव में दौड़ गई और पूरा गांव ऋषि के कारनामें पर गर्वान्वित महसूस कर रहा है.अब तो गाँव में पूरे दिन ऋषि के कारनामे के चर्चे ही गाँववाले सुन और सुना रहे हैं. वही गांव के नौजवान भी ऋषि के जैसा देशभक्त साहसी और निडर जवान बन कर देश के लिए कुछ करने की तमन्ना रखने लगे हैं. भुजाओं में उनके बिजली की कडकती तेजी आ गयी है. वो भी आतंकियों से दो-दो हाथ कर उन्हें पस्त कर भोजपुर की शूरमा का परिचय देना चाहते हैं. बताते चलें कि ऋषि का गाँव उस क्षेत्र में पड़ता है जो कभी नक्सलवाद का दंश झेल रहा था. लेकिन इस इसके बावजूद भी ऋषि ने अपने आप को फ़ौज के लिए तैयार किया. इस क्षेत्र के अधिकांश बच्चे फ़ौज में जाने की तैयारी पहले से भी करते रहे है और अब तो ऋषि गाँव वालों का एक ऐसा आदर्श बन गया है इस क्षेत्र के हर नौजवानों में देश सेवा करने की दुगुनी जोश और उमंग भर गया है.
हर पति को “ऋषि” बनाये भगवान
जब ऋषि के घर मिडिया वालों ने उनके परिजनों से ऋषि के बारे जानकारियां जुटानी शुरू की तो ऋषि के चाचा के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े और अपने भतीजे के कारनामें पर गर्व करते हुए इसकी वीरता का खूब बखान किया. उन्होंने कहा कि हमें ऋषि की वीरता पर नाज है वो हम सबका हीरो है.वो बचपन से ही एक निडर ब्यक्ति था. साथ ही लक्ष्य तक पहुंचने की जी तोड़ कोशिश करता था. उसने अपनी विफलताओं से कभी हार नहीं मानी है. वह लगातार सफलता के लिए जूझता रहता था. बहरहाल पूरा देश ऐसे वीर सपूत पर नाज करता है, जिसने आतंकियों से लोहा लेते वक्त दो आतंकी को धूल चटाते हुए मौत के घाट उतार दिया. ऋषि के मां और पिता अपने जवान बेटे के जन्मदिन पर गर्वान्वित महसूस कर रहे हैं कि उनके बेटे ने देश के लिए कुछ कर दिखाया है वही पत्नी निशि देवी ने अपने पति पर फक्र करते हुए कहा कि मुझे ऐसे पति पर नाज है. वो भगवान सबको ऐसा ही वीर पति देने की ईश्वर से प्रार्थना करती है ताकि देश की रक्षा करें. ज्ञात हो कि जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान वीर जवान ऋषि घायल हो गए थे और घायलावस्था में दो आतंकियों को मार गिराया था, इस दौरान वो खुद भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए. आतंकियों से लोहा लेते समय उनकी गोलियां खत्म हो गई, फिर भी वो डटे रहे. जवान ऋषी एक किसान परिवार से आते है. उनके पिता खेती करते है. ऋषि की शादी वर्ष 2012 में इमादपुर गाव के निशि से हुई थी. इनकी दो बेटिया दीप-शिखा व दीप-लक्ष्मी है. उन्होंने 30 अप्रैल 2010 को आर्मी ज्वाइन किया था. शुरुआती पोस्टिंग नाशिक में हुई थी. छह माह पहले वह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा भेजे गए थे.
आरा से ओपी पांडे