भोजपुर में भोजपुरी पढ़ाई बंद करने को लेकर भोजपुरी बचाओ अभियान में विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने एक सभा की. सभा का आयोजन रमना मैदान के समीप जे पी मंच स्थल पर किया गया. झमाझम बारिश के बावजूद भोजपुरी के लिए प्रेम ने सबको एक जगह इकठ्ठा किया और इस आंदोलन के लिए एक मंच पर खींच लाया. सभा में सर्वसम्मति से तय किया गया कि आगामी 5 सितंबर(शिक्षक दिवस)को भोजपुर बंद किया जायेगा, जिसमें कई संगठन हिस्सा लेंगे. इस कार्य के लिए ‘हम’ पार्टी ने भी समर्थन देने की घोषणा कर दी है. सभा में उपस्थित लोगों में मंगलेश तिवारी, कमलेश तिवारी, राकेश राजपूत,पर्यावरण प्रेमी आनंद कुमार,अमोद कुमार, ओ पी पांडेय, विशाल और हम के पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान शामिल थे. अभियान के कार्यकर्ताओं ने बताया कि अभियान की शुरुआत 5 सितंबर को सुबह 8 बजे स्टेशन परिसर से होगी.इस आन्दोलन को सफल बनाने के लिए सभी भोजपुरी प्रेमी से एकत्रित होने का आह्वान किया है. इधर भोजपुर के गड़हनी प्रखंड के नया बाजार स्थित मचान एक सामाजिक संस्थान के बैनर तले एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता सचिव अविनाश कुमार राव और संचालन राजू कुमार सिंह ने की. संस्थान के सचिव अविनाश कुमार राव ने कहा कि भोजपुरी की पढ़ाई बंद करने से भोजपुरी भाषियों के मान सम्मान को ठेस पहुंची है, साथ ही भोजपुरी से पढाई कर चुके छात्रों के जीवन के साथ के खिलवाड़ किया गया है. बैठक में निर्णय लिया गया कि एक साक्षात्कार अभियान चला कर विश्वविद्यालय को सुपुर्द किया जाए ताकि भोजपुरी की पढ़ाई जल्द से जल्द हो सके. 5 सितंबर को भोजपुर बंद में मचान एक सामाजिक संस्थान भी बंद का हिस्सा बनेगा. इस बैठक में रोहित गुप्ता,अमित कुमार,सतीश कुमार प्रभुजी,राज शेखर,रजनी यादव,रवि यादव,शम्भुप्रसाद सहित कई प्रबुद्ध सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद थे.भोजपुर बंद करने के एलान के साथ ही जिले से ही नहीं बल्कि झारखण्ड से भी सामाजिक संस्थाओं का इस बंदी के लिए जुटने के लिए समर्थन मिलने लगा है. इस दौरान कुछ पूर्ववर्ती भोजपुरी विभाग के छात्रों ने भी फ़ोन कर अपडेट्स देने की अपील अम्बा के जिला प्रभारी से की. अबतक समर्थन देने वालों में अम्बा, हम,एनएसयूआई,मचान,सर्जना,भोजपुरी शोध एवं विकास संस्थान(धनबाद),छात्र समागम, ओरीयन एजुकेशन एन्ड सोसल वेलफेयर संस्था, पुखराज संस्था(पटना),आखर, अभिनव एवं एक्ट,आरा रंगमंच, भोजपुरी जनजागरण मंच,अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य संस्थान, के साथ छोटे बडे कई कोचिंग संस्थानों के संचालकों और शिक्षकों का भी समर्थन जारी है.इस बंद को जन संस्कृति मंच के जनभाषा समूह,बिहार इकाई की तरफ से नैतिक समर्थन मिला है. जसम के राज्य सह सचिव सुमन कु सिंह ने यह जानकारी दी.