सिक्योर बैंकिंग को लेकर ग्राहकों के बीच जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से HDFC BANK LTD. ने मंगलवार को पटना में ‘सिक्योर बैंकिंग’ योजना शुरू की. ये योजना बैंक की बिहार में चल रही 90 शाखाओं में शुरू की गयी. पटना में आयोजित एक समारोह में HDFC BANK के जोनल हेड संदीप कुमार और क्लस्टर हेड मनीष सिन्हा ने बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में योजना प्रारंभ की. ‘सिक्योर बैंकिंग’ मुहिम के तहत सिलसिलेवार वर्कशॉप्स आयोजित कर ग्राहकों को ऐसे मामलों में शिक्षित किया जाएगा जिनके लिए उन्हें बैंकिग के दौरान खास सावधानी बरतने की जरूरत है. इनमें नेट बैंकिग, मोबाइल एप, एटीएम से लेनदेन, पीओएस टर्मिनल, दुकान, ऑनलाइन बैंकिंग के दौरान डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल शामिल है.
ये वर्कशॉप आम लोगों के लिए भी खुली होगी. शाखाओं के अलावा अन्य सोर्सेज जैसे एटीएम स्क्रीन, मोबाइल बैंकिंग एप्प और एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट को भी सिक्योर बैंकिग के बारे में जागरुकता के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इस मौके पर HDFC BANK के जोनल हेड संदीप कुमार ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस योजना के माध्यम से लोगों के बीच जानकारी फैलाकर सुरक्षित बैंकिग को बढ़ावा देने में सफल हो सकेंगे.
क्या कहा जोनल मैनेजर संदीप कुमार ने-
सिक्योर बैंकिग वर्कशॉप की मुख्य बातें-
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अपना पिन या पासवर्ड किसी को भी न बताएं.
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अपने पते, संपर्क के नंबर या ईमेल आईडी में किसी बदलाव की सूचना फौरन बैंक को दें.
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अपने पहचान पत्र, पते का प्रमाण और व्यक्तिगत जानकारी के दस्तावेज महफूज जगह पर रखें.
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अपना क्षेत्रीय फोन बैंकिग नंबर अपने फोन में सहेज कर रखें ताकि यदि आपका कार्ड खो जाए या चोरी हो जाए या फिर अनजान लेनदेन का अलर्ट मिले तो आप बैंक से संपर्क कर सकें.
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यदि आपका डेबिट या क्रेडिंट कार्ड गुम हो जाए तो बैंक को फौरन सूचित करें.
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अपने बैंक से भेजे गए स्टेटमेंट या अलर्ट को अनदेखा न करें.
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कोरे चेक पर कभी भी दस्तखत कर किसी को नहीं दे, चाहे वो बैंक का प्रतिनिधि क्यों न हो.
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एटीएम या बैंक के कैश काउंटर पर नोट गिनने के लिए कभी अनजान शख्स की मदद न लें.
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मोबाइल बैंकिग या एप्प केवल आधिकारिक एप्प स्टोर से ही डाउनलोड करें.
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अपने मोबाइल, लैपटॉप से कभी भी बैंकिंग का व्यवहार ने करें जब आपका सिस्टम सार्वजनिक वाई-फाई से जुड़ा हो.