बिहार के वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आज बिहार विधानमंडल में अपने बजट भाषण से सबको चौंका दिया. महज 20 मिनट के भाषण में वित्त मंत्री ने उद्योग, व्यापार, कृषि और शिक्षा समेत तमाम जरूरी बातों पर कोई चर्चा नहीं की और पुरानी बातों को दोहराते रहे . बिहार का बजट इस बार करीब एक लाख 60 हजार करोड़ का है जो पिछली बार से 15 हजार करोड़ ज्यादा है. लेकिन आज के बजट भाषण से ये साबित हो गया कि बिहार सरकार राजस्व की कमी से जूझ रही है. वित्त मंत्री ने कहा कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता तो स्थिति बेहतर होती.
बिहार बजट 2017-18 की मुख्य बातें-
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एक लाख 60 हजार करोड़ का बजट
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1,37,158.41 करोड़ का राजस्व अनुमानित
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12507.16 करोड़ का राजस्व आधिक्य
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18,160 करोड़ का राजस्व घाटा अनुमानित
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5000 से ज्यादा आबादी वाले इलाकों में बैंको की शाखाएं खुलेंगी
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सात निश्चयों के लिए 5400 करोड़ का प्रावधान
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महिलाओं को सेवा संवर्ग में 35 फीसदी आरक्षण का प्रावधान
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योजना और गैर योजना मद को समाप्त किया गया
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प्लास्टिक मनी का उपयोग बढ़ाने पर जोर
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रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा
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चतुर्थ ग्रेड कर्मचारियों के लिए आवास योजना
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ज्यादा से ज्यादा POS मशीन लगाने पर जोर ताकि कर चोरी रुके
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किसी टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया
इसके अलावा वित्त मंत्री ने नोटबंदी को लेकर केन्द्र की आलोचना भी की. बजट में सात निश्चय पर जोर दिया गया है. लेकिन कोई नई बात सामने नहीं रखी गई है. वित्त मंत्री सिर्फ सात निश्चय और शराबबंदी का गुणगान करते दिखे. इसके अलावा बिहार को केन्द्र की ओर से पर्याप्त राशि नहीं मिलने का रोना रोता भी दिखे वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी.