कदाचार रोकने के लिए बोर्ड ने कसी कमर

By Amit Verma Feb 2, 2017

बिहार में मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सभी जिलों के डीएम की जिम्मेदारी तय कर दी है.




बोर्ड अध्यक्ष  आनन्द किशोर ने मैट्रिक और इन्टर की  वार्षिक परीक्षा 2017 के लिए परीक्षा केन्द्रों पर स्वच्छ एवं कदाचार मुक्त परीक्षा संचालन हेतु समुचित विधि व्यवस्था, परीक्षा संचालन तथा गोपनीयता बनाये रखने के संबंध में ना सिर्फ बिहार के सभी जिलों के जिला पदाधिकारी-सह-मुख्य जिला परीक्षा नियंत्रक बल्कि सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक औऱ सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं.

बोर्ड ने सभी DM को भेेजे पत्र में साफ किया है कि जिला पदाधिकारी अपने जिला में सम्पन्न होने वाली परीक्षा के मुख्य जिला परीक्षा नियंत्रक होते हैं. परीक्षा केन्द्रों पर शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने, परीक्षा में कदाचार की रोकथाम करने, परीक्षा के सफल एवं शान्तिपूर्ण संचालन के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था DM की देख-रेख में ही की जानी है.

निर्देशों के मुताबिक कुछ मुख्य बातें

  • यदि किसी केन्द्र पर कदाचार अथवा किसी अन्य कारण से पूरी पाली की परीक्षा रद्द हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में, जिला पदाधिकारी अपने स्तर से जाँचोपरान्त दायित्व निर्धारित करेंगे कि किस स्तर से लापरवाही/ उदासीनता/अनुशासनहीनता बरती गयी, जिसके कारण परीक्षा को रद्द करना आवश्यक हो गया.
  • बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम, 1981 के अंतर्गत कार्यपालक दण्डाधिकारी को दण्ड विचारण की शक्ति प्रदान करने हेतु अविलम्ब कार्रवाई की जाय. यदि इस कार्य हेतु पदाधिकारियों को अधिकार प्राप्त नहीं है, तो इस दिशा में अविलम्ब सामान्य प्रशासन विभाग के सहयोग से प्रक्रिया पूर्ण करायी जाय. ऐसे दण्डाधिकारी दोषी अभियुक्तों का संक्षिप्त विचारण परीक्षा समाप्ति के तुरंत बाद नियमित रूप से करेंगे और जुर्माना के रूप में प्राप्त राशि कोषागार में अविलम्ब जमा करेंगे. तद्नुसार इसकी सूचना समिति को भेजेंगे. 18 वर्ष से कम आयु के परीक्षार्थियों को बाल सुधार गृह में रखा जायेगा.
    प्रत्येक जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला परीक्षा नियंत्रक होते हैं, जो मुख्य जिला परीक्षा नियंत्रक (जिला पदाधिकारी) की सहमति से एवं उनके निर्देशन में परीक्षा संचालन के कार्यो में अपेक्षित सहयोग प्रदान करेंगे.
    जिला शिक्षा पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर प्रतिनियुक्त होनेवाले वीक्षकों की सूची केन्द्राधीक्षक से प्राप्त कर पूर्व में ही अनुमोदित कर दें एवं केन्द्रवार वीक्षकों की सूची की एक प्रति परीक्षा समिति को अवश्य भेज दें. किसी भी परिस्थिति में गैर शिक्षक एवं अन्य किसी कर्मचारी को वीक्षण कार्य में नहीं लगाया जाय. उत्तम रिकार्ड वाले मान्यता प्राप्त अंगीभूत महाविद्यालय/राजकीय/ राजकीयकृत विद्यालयों के स्थानीय शिक्षकों को ही वीक्षकों के रूप में नियुक्त किया जाय. किसी भी स्थिति में दूरदराज के शिक्षकों को वीक्षक के रूप में नियुक्त नहीं किया जाय. शिक्षकेत्तर कर्मचारी (यथा पानी पिलाने आदि) के मामले में अगल-बगल के महाविद्यालयों/विद्यालयों से ही शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को नियुक्त किया जाय. किसी भी स्थिति में बाहरी मजदूरों अथवा बाहरी व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया जाय, क्यांकि उनके जरिये परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हो सकती है.
    केन्द्राधीक्षक/प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी यह सुनिष्चित करेंगे कि कर्त्तव्य पर प्रतिनियुक्त शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी अपने साथ परीक्षा कार्य से संबंधित वैध कागज़ात के अतिरिक्त कोई अन्य कागज़ात परीक्षा केन्द्र पर नहीं ले जायेंगे और मोबाइल का उपयोग भी वर्जित रखेंगे.
    यदि किसी छात्र का प्रवेश पत्र गुम हो गया हो या भूल से घर पर छूट गया हो, तो ऐसी स्थिति में उपस्थिति पत्रक में स्कैन्ड फोटो से उसे पहचान कर और रौलशीट से सत्यापित कर परीक्षा में बैठने की औपबंधिक अनुमति दी जाय.
    परीक्षा कक्ष में कोई भी परीक्षार्थी एवं वीक्षक मोबाइल फोन लेकर नहीं जायेंगे, इसका अनुपालन दृढ़ता से सुनिष्चित किया जाय.
    परीक्षा केन्द्र के भीतर केन्द्राधीक्षक के सहयोग हेतु जो भी शिक्षक, सुरक्षित वीक्षक या अन्य कर्मी उपस्थित रहेंगे, परीक्षा के दौरान वे अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखेंगे और अपने निर्धारित स्थान से हटकर परीक्षा-कक्ष में या अन्यत्र भ्रमण नहीं करेंगे.
    सभी केन्द्राधीक्षक, परीक्षा केन्द्र परिसर की सफाई प्रत्येक दिन/पाली में परीक्षा शुरू होने के पूर्व सुनिश्चित करायेंगे जिससे कि किसी तरह का चिट-पुर्जा आदि परिसर में न रहे. इसके अतिरिक्त, यह भी सुनिश्चित करेंगे कि परीक्षा कक्षों के श्यामपट्ट पर परीक्षा विषयों के बारे में कुछ भी नहीं लिखा रहे.
    सभी परीक्षा केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार CCTV संस्थापित करेंगे तथा परीक्षा संचालन से संबंधित गतिविधियों की विडियोग्राफी कराना भी सुनिश्चित करेंगे. उक्त कार्य हेतु समिति द्वारा राशि का भुगतान किया जायेगा.
    बता दें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इन्टरमीडिएट परीक्षा 2017 का आयोजन 14 फरवरी, 2017 से 25 फरवरी 2017 के बीच किया जा रहा है. जबकि  मैट्रिक परीक्षा 2017 01 मार्च 2017 से 08 मार्च 2017 के बीच आयोजित की जायेगी.

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