परीक्षा कैंसिल नहीं हुई तो सड़क पर उतरेंगे छात्र

By Amit Verma Jan 30, 2017

एक ओर छात्र परेशान हैं. लगातार गुहार लगा रहे हैं कि इंटर लेवल PT के पहले दिन की परीक्षा कैंसिल की जाए. दूसरी ओर कर्मचारी चयन आयोग अपनी ही बंसी बजा रहा है.




 

सोशल मीडिया पर वायरल हुए प्रश्न पत्र और उसके आंसर के बावजूद बिहार कर्मचारी चयन आयोग ये मानने को तैयार नहीं है कि परीक्षा के पहले ही सवालों के उत्तर हजारों परीक्षार्थियों के हाथ लग चुके थे. बक्सर, डुमरांव, मुंगेर और कई अन्य जगहों पर परीक्षा देकर लौटे परीक्षार्थियों ने तो ये भी दावा किया कि परीक्षा केन्द्रों के बाहर से लोग आंसर लाकर खिड़की के जरिए अंदर फेंक रहे थे.

आयोग की मनमानी और अड़ियल रवैये को देखते हुए अब परीक्षार्थियों ने बड़े स्तर पर प्रदर्शन और विरोध करने का निश्चय कर लिया है. सूबे के कई जिलों से छात्र पटना में जमा हो रहे हैं और सरस्वती पूजा के बाद कर्मचारी चयन आयोग के खिलाफ आन्दोलन की रणनीति बना रहे हैं.

आखिर क्यों आई ये नौबत, जानने के लिए यहां क्लिक करें-

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इस परीक्षा से जुड़ी कुछ अहम बातें जो आपके लिए जानना जरूरी है-

  • बिहार में लंबे अरसे के बाद ग्रुप सी पदों के लिए ये बहाली हो रही है
  • इस बहाली परीक्षा के जरिए करीब 13.5 हजार पदों पर नियुक्ति होगी
  • इंटर लेवल परीक्षा में करीब 18.5 लाख छात्रों ने आवेदन किया है
  • इतनी बड़ी संख्या के कारण प्रारंभिक परीक्षा 4 तिथियों में ली जा रही है
  • 29 जनवरी, 5 फरवरी, 19 फरवरी और 26 फरवरी को ली जा रही है परीक्षा
  • प्रारंभिक परीक्षा के बाद मुख्य परीक्षा होगी, लेकिन कोई इंटरव्यू नहीं होगा

बता दें कि पहले दिन 29 जनवरी को हुई परीक्षा में करीब 5 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए. ईमानदारी से मेहनत करके जॉब पाने की कोशिश में लगे छात्रों को तब बड़ी निराशा हुई जब उन्हें मालूम हुआ कि परीक्षा से पहले ही सभी सवालों के जवाब मार्केट में उपलब्ध थे. और ये बात भी पुख्ता हो गई कि ये कोई फर्जी जवाब नहीं थे बल्कि बिल्कुल हूबहू परीक्षा में आए सवालों के ही थे. क्योंकि प्रश्न पत्र बाहर नहीं लाने की घोषणा के बावजूद सोशल मीडिया पर इस परीक्षा के प्रश्न पत्र भी वायरल हो गए थे. इसके अलावा मुंगेर, सहरसा समेत कुछ जगहों से परीक्षा के दौरान हाइटेक तरीके से नकल करते हुए छात्र भी इस बात की गवाही दे रहे थे कि प्रश्न पत्र आउट था.

इन सबके बावजूद बिहार कर्मचारी चयन आयोग ये मानने को तैयार नहीं है और ना ही परीक्षा कैंसिल करने को तैयार है. ऐसे में परेशान छात्रों ने सड़क पर उतरने का मन बना लिया है. इस बारे में अदम्य अदिति गुरुकुल के निदेशक डॉ रहमान ने भी कर्मचारी चयन आयोग के रुख की निन्दा की है.

अब इससे ज्यादा बड़ी विडंबना क्या हो सकती है कि मार्केट में और सोशल मीडिया पर सवालों के उत्तर परीक्षा के एक दिन पहले से ही उपलब्ध थे. कई छात्रों का साफ कहना है कि उन्हें रात से ही उत्तर मिल गए थे और परीक्षा में सवालों को देखकर साफ हो गया कि उत्तर बिल्कुल सही हैं. इसके बावजूद आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. ना तो किसी की जिम्मेवारी तय की गई है और ना ही परीक्षा कैंसिल की जा रही है. इससे गरीब और ईमानदार छात्र बहुत आहत हैं. उनके पास इसका विरोध करने के अलावा कोई चारा नहीं है. छात्रों के इस विरोध का हमसब समर्थन करेंगे. सरस्वती पूजा के बाद छात्र सड़क पर उतरेंगे और आयोग के रवैये के खिलाफ विरोध, प्रदर्शन और आन्दोलन करेंगे. यदि वास्तव में पेपर लीक होने की सूचना सही है तो इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिये ताकि बिहार की छवि धूमिल होने से बच सके और लाखों गरीब और ईमानदारी से पढ़ रहे छात्रों को नौकरी मिल सके।               डॉ एम रहमान, अदम्य अदिति गुरूकुल, पटना

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