गड़बड़ है रिजल्ट, अंग्रेजी में सब हैं फेल, गोलमाल है भाई सब गोलमाल

By pnc Jan 7, 2017

पेपर-1 में 50 ऑब्जेक्टिव प्रश्न के लिए 100 अंक रखे गए हैं तो किसी भी सही प्रश्न के लिए 2 अंक ही दिए जाएंगे. मतलब कि अगर किसी परीक्षार्थी ने 20 सवाल का उत्तर सही दिया है तो उसके अंक 40 होंगे, 35 या 39 नहीं. मतलब साफ है कि अंक सम संख्या में ही आएंगे.

पटना नाउ की एक्सकलुसिव रिपोर्ट




प्री-पीएचडी के रिजल्ट और जैन कॉलेज में अवैध नामांकन के विरुद्ध छात्रों के चल रहे हंगामो के पीछे का सच जानने के लिए पटना नाउ ने प्री-पीएचडी के रिजल्ट की जांच की. प्री-पीएचडी के अंग्रेजी विषय का रिजल्ट हमारे हाथ लगा. साथ ही एग्जाम से सम्बंधित नियम भी. प्री-पीएचडी की परीक्षा दो पेपर में होती है. एक पेपर ऑब्जेक्टिव जिसमे 50 प्रश्न 100 के मार्क्स होते हैं और कोई भी नेगेटिव मार्क्स नहीं होता है. दुसरा पेपर भी 100 मार्क्स का ही होता है लेकिन यह सब्जेक्टिव होता है. दोनों पेपर में मिलाकर 50% अंक लाना अनिवार्य है सामान्य वर्ग के लिए. जिसमे किसी एक पेपर में 35% अंक अनिवार्य है. अब अगर इस नियम पर हम देखें तो इस पर कोई भी अंग्रेजी विषय में पास नहीं है. लेकिन गड़बड़ी तो रिजल्ट में फिर भी है.जब पेपर-1 में 50 ऑब्जेक्टिव प्रश्न के लिए 100 अंक रखे गए हैं तो किसी भी सही प्रश्न के लिए 2 अंक ही दिए जाएंगे. मतलब कि अगर किसी परीक्षार्थी ने 20 सवाल का उत्तर सही दिया है तो उसके अंक 40 होंगे, 35 या 39 नहीं. मतलब साफ है कि अंक सम संख्या में ही आएंगे.

वही, पेपर-2 में अंक सम या विषम किसी में आ सकते हैं कारण कि यह पेपर सब्जेक्टिव है. लेकिन रिजल्ट में गौर करें जिसे पीले रंग से दिखाने की कोशिश भी की गयी है, तो पेपर-1 में कई परीक्षार्थियों के अंक विषम संख्या-31,39,35 आये हैं, जो यह साबित करता है कि विवि प्रशासन के द्वारा गड़बड़ी की गयी. अपने ही नियमो के विरुद्ध नियम बनाने वाला कैसे चला गया? यह बहुत बड़ी गलती है. इसी तरह अन्य विषयों के रिजल्ट में भी गड़बड़ी हुई है. सबसे मजेदार बात तब होगी जब इन हंगामों के ख़त्म होने के बाद अगर अंग्रेजी विषय में किसी का नामांकन पीएचडी में होगा तो एक और जबरदस्त हंगामे का कारण बनेगा. बहरहाल छात्रों के सही हंगामे पर विश्विद्यालय क्या तनाशाही रवैया ही अपनाएगा या फिर अपनी गलती मानते हुए इन सब गोलमाल चीजों को रद्द कर पुनः करने का फरमान सुनाएगा ? ये एक सवाल है. लेकिन छात्र संगठनों की एकजुटता भी हटने के मूड में नहीं है. दिलचस्प टकराव है लेकिन उम्मीद है सत्य की ही विजय होगी.

रिपोर्ट -आरा से ओ पी पांडेय

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