बिहार में सहकारिता विभाग में जिला से लेकर मुख्यालय स्तर तक ऑडिटर का पद खाली रहने से पैक्सों के ऑडिट का कार्य ठप पड़ गया है. बिहार विधान सभा में विरोधी दल के मुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि ऑडिटर की कमी की वजह से इसका असर जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक के कार्यों पर पड़ता है.
बता दें कि सहकारिता विभाग में वर्षो से ऑडिटर के 406 पद रिक्त हैं जिसमें से मुख्यालय स्तर के 17 पद भी रिक्त हैं. ऑडिटर कम होने की वजह से पैक्सों के ऑडिट का काम रुका पड़ा है. इस वर्ष अब तक राज्य के 8463 पैक्सों में से सिर्फ सात हज़ार पैक्स का ही ऑडिट हो पाया है, जबकि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अब केवल तीन महीने बचे हैं.
अरुण सिन्हा ने कहा कि विभाग में लगातार ऑडिट नहीं होने से इसका असर ऑडिट की गुणवत्ता पर पड़ता है. लेकिन राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है जबकि जिला स्तर पर जिला अंकेक्षण पदाधिकारी के 40 पदों में सिर्फ 26 पदाधिकारी, प्रखंड स्तर पर 419 पद के विरुद्ध 172, अनुमंडल अंकेक्षण के 101 पदों के विरुद्ध 91, वरीय अंकेक्षण पदाधिकारी के 209 पदों के विरुद्ध मात्र 103 पदाधिकारी कार्यरत हैं.