500 और 2000 के 1680 करोड़ नोटों का आरबीआई के पास हिसाब नहीं
नए 500 और 2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ गायब
2016 की नोटबंदी के समय केंद्र सरकार को उम्मीद थी कि भ्रष्टाचारियों के घरों के गद्दों-तकियों में भरकर रखा कम से कम 3-4 लाख करोड़ रुपए का काला धन बाहर आ जाएगा. पूरी कवायद में काला धन तो 1.3 लाख करोड़ ही बाहर आया…मगर नोटबंदी के समय जारी नए 500 और 2000 के नोटों में अब 9.21 लाख करोड़ गायब जरूर हो गए हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 2016-17 से लेकर ताजा 2021-22 तक की एनुअल रिपोर्ट्स बताती हैं कि आरबीआई ने 2016 से लेकर अब तक 500 और 2000 के कुल 6849 करोड़ करंसी नोट छापे थे उनमें से 1680 करोड़ से ज्यादा करंसी नोट सर्कुलेशन से गायब हैं. इन गायब नोटों की वैल्यू 9.21 लाख करोड़ रुपए है. इन गायब नोटों में वो नोट शामिल नहीं हैं जिन्हें खराब हो जाने के बाद आरबीआई ने नष्ट कर दिया.
आरबीआई 2019-20 से 2000 के नए नोट नहीं छाप रहा है. जबकि 500 के नोटों की छपाई 2016 के मुकाबले 76% बढ़ गई है. आरबीआई ने कभी भी आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार नहीं किया है कि सर्कुलेशन से नोटों के गायब होने की वजह क्या है. मगर जानकार मानते हैं कि इसका सबसे बड़ा कारण लोगों का करंसी जमा करके रखना है. जरूरी नहीं कि यह पूरी रकम ही काला धन हो, लेकिन यह बैंकिंग सिस्टम से बाहर जरूर है.
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