केंद्र सरकार ने नियम के विरुद्ध जाकर अपने चहेते अफसरों को पदोन्नति देने पर केंद्र सरकार नितीश सरकार को आड़े हाथों लिया है ,केंद्र सरकार ने नीतीश सरकार से जवाब मांगा है कि कैसे समय रहते अधिकारियों को पदोन्नति दी गई है. गौरतलब है कि प्रधान सचिव में पदोन्नति उन्हीं अफसरों को दी जाती है जो अपनी नौकरी के 25 साल बिना विभागीय कार्यवाही के पूरी कर चुके होते है. केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय बिहार सरकार को पत्र लिखकर तीनों पदाधिकारियों के पदोन्नति पर पुनर्विचार करने को कहा है.
केंद्र सरकार ने उन तीन पदाधिकारियों के पदोन्नति पर सवाल उठाया है जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘खासमखास’ हैं.केद्र सरकार ने पूछा है कि चंचल कुमार,दीपक कुमार और हरजोत कौर तीनों 1992 बैच के आईएएस पदाधिकारी हैं और तीनों को 2016 में ही पदोन्नति दे दी गई,जबकि उनके नौकरी के 25 साल नहीं हुए है.ये तीनों पदाधिकारी किस प्रकार मुख्यमंत्री से लाभ लेने में सफल रहे हैं.