पटना (ब्यूरो रिपोर्ट) | बिहार की राजधानी पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के ख्वाब को बड़ा झटका तब लगा जब लगभग पूरा शहर सितम्बर महीने के आखिरी सप्ताह में हुए मूसलाधार बारिश के बाद जल जमाव के कारण ठहर-सा गया था. पटना का राजेंद्रनगर, पाटलिपुत्रा कॉलोनी, कभी एशिया की सबसे बड़ी मानी जाने वाली कॉलोनी कंकड़बाग, रामकृष्णा नगर, गोला रोड, गर्दनीबाग – या यूँ कहें दानापुर से पटना सिटी तक के हर मोहल्ले में जल-प्रलय का दृश्य उत्पन्न हो गया था. एक सप्ताह तक पटना के कई मोहल्लों में भारी जलजमाव के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा. कारण था, शहर से जलनिकासी की तमाम व्यवस्थाओं को ध्वस्त होना. आज भी कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति है.
सोमवार 14 अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने सरकार के सभी बड़े ऑफिसरों के साथ इस मुद्दे पर समीक्षा बैठक की थी. समीक्षा बैठक के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसके लिये कुछ दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की तथा कइयों को शो-कॉज नोटिस जारी किया था. (ये भी पढ़े – )
मंगलवार को इसी मुद्दे पर बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के 8 अधिकारियों का तबादला कर दिया. सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार द्वारा जारी नोटिफिकेशन संख्या 14086 से 14093 दिनांक 15.10.2019 के अनुसार ट्रांसफर का विवरण नीचे देखे –
कौन कहाँ गए
जहां, चैतन्य प्रसाद को नगर विकास विभाग से छुट्टी कर विज्ञान एवं प्रावैधिकी प्रावैद्यिकी विभाग में भेज दिया गया है वहीं हरजोत कौर को खान एवं भूतत्व विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है. प्रदीप कुमार झा को आईपीआरडी का निदेशक बन गया है. वहीं, अमरेंद्र प्रसाद सिंह को बुडको से हटाकर बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का प्रशासक बनाया गया है. चंद्रशेखर सिंह को बुडको का एमडी बनाया गया है.
वर्तमान में परिवहन सचिव संजय अग्रवाल को पटना आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जबकि आनंद किशोर को नगर विकास और पटना मेट्रो का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.