बिटिया की पढाई के लिए जिले के हर टोले मोहल्ले में चलेगा “सक्षम बिटिया अभियान “
• अभियान नई शिक्षा नीति के तहत सोशल इमोशनल एथिकल लर्निंग के कांसेप्ट पर आधारित
• पिरामल फाउंडेशन और शिक्षा विभाग करेंगे सहयोग
• कला एवं खेल-कूद के माध्यम से बच्चों को दी जाएगी शिक्षा एवं व्यवहारिक ज्ञान
• 6 सप्ताह तक चलेगा अभियान
कटिहार: कोरोना वायरस की वजह से बच्चों की शिक्षा काफी प्रभावित हुयी है. पिछले दस माह से बच्चे स्कूल नहीं पहुँच सके हैं, जिसका सबसे ज्यादा असर बेटियों पर पड़ा है. इन बच्चियों को फिर से मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सक्षम बिटिया अभियान कार्यक्रम के तहत जिले में फिर से बच्चों की पढाई में रूचि बढाई जाएगी. मुहल्लों में स्कूल खुलेगा. कटिहार एक आकांक्षी जिला है और इसके ही तहत पिरामल फाउंडेशन एवं जिला शिक्षा विभाग साक्षरता के संयुक्त तत्वाध्वान में सक्षम बिटिया अभियान जिले के सभी शिक्षा सेवको एवं तालीमी मरकज के सहयोग से चलाया जाएगा. इस अभियान में गाँव के इंटर एवं स्नातक पास स्वयंसेवी से भी मदद ली जाएगी और इस अभियान को उनके सहयोग से सफल बनाया जाएगा. नीति आयोग के निर्देश से कटिहार सहित सूबे के चार अन्य जिलो में भी यह अभियान चलाया जाएगा.
अभियान का प्रारूप एक सप्ताह के अन्दर बनकर तैयार करने का निर्देश दिया गया है. इस अभियान के तहत बच्चों को कविता, नाटक, चित्रकला,खेल कूद के माध्यम से बच्चों को पढाई के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान भी दिया जाएगा. उक्त बातें सक्षम बिटिया अभियान के प्रारूप बनाने के लिए सभी के आर पी एवं पिरामल फाउंडेशन के सभी प्रखंड समन्यवयक की बुलाई गई आयोजित बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी देव बिंद कुमार सिंह ने कही.
खेल-खेल में दी जाएगी शिक्षा
बेटियों की पढाई की भरपाई के लिए नीति आयोग के निर्देश पर पिरामल फाउंडेशन और शिक्षा विभाग ने सोसल इमोशनल एथिकल लर्निंग,जिसकी चर्चा नई शिक्षा नीति में भी की गई है, पर आधारित शिक्षा दिलाने के लिए रणनीति तैयार की गई है. जिसमे कहानी, खेल , नाटक , लेखन के माध्यम से बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ साथ व्यावहारिक एवं सामाजिक ज्ञान भी दिया जाएगा. अभियान का टैग लाइन है “सक्षम बिटिया अभियान–संगिनी के संग पढाई के नए रंग (बिटिया को मिले उतना ही प्यार उतना ही अधिकार) एक अनोखा मौका नई पढाई का. युवतियां जो इस अभियान में बेटियों को पढ़ाने के लिए आगे आई है उन्हें संगिनी नाम दिया गया है.
अभियान में शिक्षा सेवकों तालीमी मरकज एवं स्वयं सेवियों की ली जाएगी मदद
सक्षम बिटिया अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षा सेवकों एवं तालीमी मरकज की मदद ली जाएगी गाँव की दसवी इंटर व स्नातक पास युवा जो निस्वार्थ भाव से काम करना चाहते है तो उनकी भी मदद ली जाएगी. युवाओं से अपील की जाएगी की अपना कुछ वक़्त अपने समाज के बच्चों को पढ़ाने के लिए निकाले अब तक ऐसे 89 युवा खुद से आगे आकर इस अभियान से जुड़ने की इच्छा जाहिर किए है.
छह सप्ताह तक चलाया जाएगा अभियान
पिरामल फाउंडेशन कटिहार के जिला कार्यक्रम प्रबंधक कुमार अभिषेक ने बताया की अभियान का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढने वाले बच्चों को इस कोविड दौर के के बाद फिर से मुख्य धारा में जोड़ना है, विशेषकर लड़कियों को. चार जनवरी से उच्च शिक्षा संसथान खुल गए है. प्राथमिक स्कूल अभी बंद है. स्कूल बंद रहने की वजह से काफी लम्बे अन्तराल के चलते बच्चों में पढाई की रुचि कम हो गई है और यह स्वाभाविक भी है. इसको ख्याल में रखते हुए जिले के गांवो के टोले में छह सप्ताह तक यह सक्षम बिटिया अभियान चलाया जाएगा. प्रथम चरण में यह कुछ गांवों में किया जाएगा और आगे यह अभियान को जिले के प्रत्येक गाँव एवं हर बच्चे तक पहुँचाने की योजना है. मुख्यतः यह अभियान नई शिक्षा नीति के तहत सोसल इमोशनल एथिकल लर्निंग के कांसेप्ट पर आधारित है जिससे बच्चों को सामाजिक व्यावहारिक किताबी ज्ञान के साथ साथ एक दुसरे के प्रति करुणा रखते हुए हम एक दुसरे के भावनाओं की क़द्र करना कितना जरुरी है इस पर भी चर्चा की जाएगी. अभी इस अभियान को कविता के माध्यम से छह सप्ताह चलाया जाएगा और आगे भी यह अभियान चलेगा अलग अलग आयामों के माध्यम से चलाया जाएगा जैसे नाटक, खेल कूद ,कला एवं स्वास्थ्य. उन्होंने जिले के युवाओं से भी अपील की कि जितना भी समय हो सके अपने समाज के बच्चों को पढ़ाने के लिए जरुरु निकले. विद्या दान से बढ़कर कोई दान नहीं है.
पटना नाउ के लिए ओ पी पांडेय की रिपोर्ट