कोविड का नया वैरिएंट है जो तेज गति से फैलता है
एक्सपर्ट ने चेताया सावधानी बरतें लोग
नहीं होगा ज्यादा खतरनाक
वायरस से लड़ने की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता अब 5 फीसदी लोगों में कम
कोरोना के बढ़ते मामले एक बार फिर से डराने लगे हैं. भारत में हर दिन अब 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. मनिंद्र अग्रवाल ने डराने वाली भविष्यवाणी की है. उनका कहना है कि मई के मध्य में कोविड के मामले अपने चरम पर पहुंचने की उम्मीद है. एक मैथमेटिक्स मॉडल के आधार पर की गई भविष्यवाणी से पता चला है कि मई में लगभग 50 से 60 हजार कोविड मामले दर्ज किए जाने की संभावना है.
हालांकि, एक सप्ताह के बाद एक सटीक भविष्यवाणी की जाएगी जब टीम के पास रिसर्च करने के लिए पर्याप्त डेटा होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना के 10 हजार 753 नए मामले दर्ज हुए हैं जिसके बाद देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 53 हजार 720 हो गई है. हालांकि, बीते दिन की तुलना में आज मामले कम दर्ज हुए हैं. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर ने कोविड मामलों में उछाल के दो कारणों का हवाला दिया है. पहला कारण यह है कि वायरस से लड़ने की प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता अब 5 फीसदी लोगों में कम हो गई है. वहीं, दूसरी वजह कोविड का नया वैरिएंट है जो तेज गति से फैलता है.
प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि भारत में 90 प्रतिशत से ऊपर और उत्तर प्रदेश में लगभग 95 प्रतिशत लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी है. अग्रवाल ने कहा कि आने वाले महीनों में 50 हजार कोरोना मामले दर्ज होंगे. हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश के लिए कोई बड़ी बात नहीं है, जिसकी जनसंख्या इतनी अधिक है. उनका कहना है कि ज्यादातर मामलों में लक्षण हल्के होते हैं और खांसी-जुकाम की शिकायत करने वाले लोगों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है. ऐसे में कोविड को सामान्य फ्लू की तरह माना जाना चाहिए और यह उतना खतरनाक नहीं होगा जितना दूसरी लहर में था.
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