विभाग ने जारी किया आंकड़ा; 199 को मुआवजा मिलना आसान
269 मामले संदिग्ध पाए गए
16 अगस्त 2016 को गोपालगंज के खजुरबनी इलाके में 19 लोगों की मौत
25 जुलाई 2017 को गोपालगंज के उचकागांव में हुई. इसमें 1 व्यक्ति की मौत
28 अक्टूबर 2017 को रोहतास के कच्छवां थाना क्षेत्र में 4 लोगों की मौत
15 नवंबर 2017 को वैशाली के बरांटी ओपी के राजापाकड़ तीन लोगों की मौत
24 अगस्त 2018 को मुजफ्फरपुर के मोतीपुर एक व्यक्ति की मौत
17 फरवरी 2021 को मुजफ्फरपुर के कटरा में पांच लोगों की मौत
29 मार्च 2021 को नवादा में 11 लोगों की मौत हुई थी.
9 जुलाई 2021 को पश्चिम चंपारण के लौरिया और रामनगर में 12 लोगों की मौत
14 दिसंबर 2022 को सारण के इशुआपुर एवं मशरक में 42 लोगों की मौत
16 अप्रैल 2023 के बाद पोस्टमार्टम जरूरी
बिहार में शराबबंदी के बाद से अब तक कुल 468 लोगों की जान गई है. कई लोग अपंग भी हुए हैं. विभाग की ओर से जारी आंकड़ा के मुताबिक जहरीली शराब से 199 लोगों की मौत हुई है. 269 केस सस्पेक्टेड है. सरकार अब जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजा देगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की है. इसके बाद मद्य निषेध विभाग में सभी डीएम को निर्देश जारी कर दिए हैं. सरकार के इस आदेश का फायदा सबसे पहले 199 लोगों के परिवार को मिलेगा. सरकार ने इसे मान भी लिया है. वहीं, 269 लोगों की जान जहरीली शराब से गई है या नहीं. इसपर संशय की स्थिति है. राज्य सरकार ने 16 अप्रैल 2023 के बाद सरकारी मुआवजा लेने के लिए डेडबॉडी का पोस्टमार्टम अनिवार्य कर दिया है.शराबबंदी के बाद से जहरीली शराब से जुड़ी 32 घटनाएं हो चुकी हैं.
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