प्रदेश में देशी चिकित्सा पद्धति के लिए होगा 45 करोड़ खर्च

आयुष औषधालय और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की संवरेगी सूरत

38 राजकीय औषधालय और 160 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का होगा कायाकल्प




औषधालय और उप स्वास्थ्य केंद्र के जीर्णोद्धार पर खर्च होंगे 6.55 लाख रुपये

पटना, 24 मई. बिहार में आने वाले दिनों में चिकित्सा की सूरत बदलने वाली है. सरकार ने चिकित्सा से जुड़े हर पद्धति को सुदृढ़ करने का निश्चय किया है और इसके लिए कंक्रिट योजना भी बनाई है. राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद, होमियोपैथी और यूनानी चिकित्सा पद्धति को विकसित करने में लगी हुई है. प्रदेश के 38 आयुष औषधालय व 160 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर करने पर करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, केंद्र सरकार देशी चिकित्सा पद्धति को विकसित करने के लिए आयुर्वेद, होमियोपैथी और यूनानी समेत अन्य देसी चिकित्सा को बढ़ावा देने को लेकर कई योजना संचालित कर रही है. इसी योजना के तहत प्रदेश के 38 राजकीय औषधालय और उप स्वास्थ्य केंद्र आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को विकसित करने की मंजूरी प्रदान की गई. राज्य सरकार केंद्र की योजना को साकार करने में लगी हुई है.

कायाकल्प : 38 राजकीय औषधालय और 160 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर

फिलहाल प्रदेश में आयुष मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 160 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में से 40 सेंटर संचालित हैं. शेष सेंटर को खोलने की प्रक्रिया चल रही है. सेंटरों पर देसी चिकित्सा पद्धति के माध्यम से रोगियों के इलाज किए जा रहें हैं. केंद्र एवं राज्य सरकार ने 38 राजकीय आयुष औषधालय व 160 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को खोलने के साथ ही जीर्णोद्धार करने की योजना बनाई है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में करीब 28 करोड़ 10 लाख रुपये खर्च करने की मंजूरी भी प्रदान की गई है,जबकि इससे पहले आयुष मंत्रालय द्वारा केन्द्रांश मद की राशि करीब 16 करोड़ 86 लाख रुपये विमुक्त किया जा चुका है.

स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ परिसर में लगेंगे औषधीय पौधे

इन औषधालयों और सेंटरों पर देसी चिकित्सा पद्धति से विभिन्न बीमारियों की जांच और इलाज किया जाएगा. मरीजों को आयुष की दवाएं भी दी जाएंगी. साथ ही परिसर में 15 प्रकार के औषधीय पौधे लगाए जाने की योजना है. मरीजों और आसपास के लोगों को भी औषधीय पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही सेंटर पर योगा की कक्षा भी संचालित की जाएगी. इसके लिए योग के प्रशिक्षक को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है.

पटना से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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