प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनेंगे मकान
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदकों को लाभ देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए एक लाख से अधिक लोगों को फायदा दिया जा चुका है. आवास देने में देरी की वजह आवेदन के वेरिफिकेशन में लगने वाला समय है. जिससे पारदर्शितापूर्वक लोगों को लाभ दिया जा सके.-तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री,बिहार
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिहार के 3.68 लाख लोगों को सरकार मकान बनाने में सहयोग देने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके लिए बिहार के 38 जिलों के 148 स्थानों पर 73.64 अरब रुपए खर्च होंगे. मकान बनाने में सहयोग के लिए 2015 से अभी तक लगभग 37 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया है. जिसमें सात वर्षों के दौरान 1.10 लाख लोगों को सरकार ने 22.16 अरब रुपए की सहायता दी है. हालांकि, मकान के लिए दिए जाने वाले सहयोग की रफ्तार काफी सुस्त है. क्योकि, 2015 से 25 अप्रैल 2022 तक केवल 1.10 लाख लोगों को ही सहयोग दिया गया है. जबकि, 2.58 लाख लोग अभी भी बचे हुए हैं. पटना में 5129 लोगों को मिली स्वीकृति, सात वर्षों के दौरान 5129 लोगों को 1.02 अरब रुपए की सहायता दी गई हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गया में सबसे अधिक मकान बनाने में सहयोग देने के लिए तैयारी की गई है. गया में 14463 लोगों को चयनित किया गया है. जिसमें 7398 लोगों 1.47 अरब रुपए की सहायता दी जा चुकी है. वहीं सबसे कम मकानों के लिए मधुबनी में स्वीकृति दी गई है. मधुबनी में केवल एक मकान बनाने में सहयोग किया गया है. हालांकि, मधुबनी में 4944 मकान के निर्माण में सहयोग देने के लिए स्वीकृत दी गई है. 1617 लोगों को 32.34 करोड़ रुपए का सहयोग दिया गया है. जबकि, पटना में 9767 लोगों को मकान बनाने की स्वीकृत दी गई है. जिसमें सात वर्षों के दौरान 5129 लोगों को 1.02 अरब रुपए की सहायता दी गई है.इसके साथ ही मोतिहारी में 1402, दरभंगा में 4604, मुजफ्फरपुर में 5167, गोपालगंज में 1873, सीवान में 1717, छपरा में 3812, हाजीपुर 5702, बेगूसराय 4727, भागलपुर में 3026, आरा में 1997 मकान के निर्माण के लिए स्वीकृत दी गई है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए सरकार की ओर से दो लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है. जिसके तहत 1.50 लाख रुपए केंद्र और 50 हजार रुपए राज्य सरकार की तरफ से सहायता दी जा रही है. अनुदान लेने के लिए सरकार की तरफ से विशेष शर्त निर्धारित की गई है. जिसके तहत आवेदकों के पास पक्का मकान नहीं होना चाहिए.
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