25 वां बॉगस्कोन 2016 सम्मेलन सम्पन्न
देश में एक लाख केस में 150 माताएं मृत्यु हो जाती है
डिलेवरी के दौरान मृत्यु की मुख्य वजह ब्लीडिंग (PPH), हाई ब्लड प्रेशर, सेप्टिक (इंफेक्शन) और एनिमिया के कारण
ऑब्सटेट्रिक एंड गायनोकोलोजिकल सोसाइटी द्वारा आयोजित 25वें त्रिदिवसीय बॉगस्कोन 2016 सम्मेलन का सफलतापूर्वक समापन पटना के होटल मौर्या में हो गया.बॉगस्कोन 2016 सम्मेलन के अंतिम दिन स्त्री रोग, उनके निवारण और निदान को लेकर विस्तृत चर्चा हुई. परिचर्चा के दौरान अनचाही प्रेगनेंसी के बाद अबॉर्सन में आने वाली कानूनी उलझनों पर चर्चा करते हुुए डॉ श्यामल सेठ और डॉ विनीत सिंह ने बताया कि किन परिस्थितियों में अबॉर्सन लीगल रूप से किया जाना चाहिए. डॉ विनीत सिंह ने कहा कि कानून 16 साल से कम उम्र के पेसेंट का अबॉर्सन करने से पहले पुलिस को इंफार्म करना जरूरी होता है. अगर डॉक्टर ऐसा नहीं करते हैं और पेसेंट के साथ कोई अनहोनी होती है, तब इसकी पूरी जिम्मेवारी डॉक्टर की बनती है. ऐसा करने पर डॉक्टर समस्या में फंस जाते हैं. डॉ सिंह ने प्रसूति के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि डॉक्टरों को जरूरत के हिसाब से वजाइनल डिलेवरी और नार्मल डिलेवरी का फैसला करना चाहिए.
इससे पहले फॉक्सी की पब्लिक अवयेरनेस कमेटी चेयरपर्सन डॉ अर्चना वर्मा ने डॉक्टर पेसेंट के रिश्ते पर चर्चा करते हुए बताया कि डॉक्टर और मरीज के विश्वास का रिश्ता होना जरूरी है. मरीज परेशान ही डॉक्टर के पास आते हैं, इसलिए डॉक्टर को मरीज के बारे में धारना नहीं बना लेना चाहिए. सभी डॉक्टर चाहते हैं कि उनके मरीज जल्दी ठीक हों. डॉक्टरों को ज्यादा से ज्यादा मरीजों को देखने के बजाय मरीजों को चिंता करनी चाहिए. यह उनका फर्ज है, क्योंकि सही मायने में सर्टिसफेकशन ही डॉक्टरों की डिग्री होती है. पेसेंट के लिए फीस से ज्यादा सर्टिसफेकशन मायने रखता है. मरीजों के राइट की बात करते हुए डॉ वर्मा ने कहा कि आज मरीजों को अपने अधिकार को जानना ज्यादा जरूरी है. ये अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत ही किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि 100 फीसदी इलाज का निदान भले संभव नहीं है, इसलिए सौ फीसदी इलाज और नेगलीजेंस के डिफरेंस को डॉक्टर व मरीजों के बीच समझना जरूरी है. डॉक्टर का वन प्वाइंट मिशन ठीक करना होता है. उन्होंने कहा कि आज डॉक्टर को अपना व्यवहार सामान्य होने रखने की जरूरत है.
वहीं, अहमदाबाद से फॉक्सी के प्रिन्टर अल्पेश गांधी ने मातृ मृत्यु पर विस्तार से अपनी रखी. उन्होंने कहा कि आज देश में एक लाख केस में 150 माताएं मृत्यु हो जाती है, जो कि केरल और तमिलनाडूू में ये संख्या 60 से 80 है. वहीं अगर वर्ल्ड वाइड देखें तो यूके (9), श्रीलंका (20) और डेनमार्क (5) जैसे देशों में डिलेवरी मरने वालों मांओं की संख्या बहुत नगण्य है. डॉ गांधी ने कहा कि डिलेवरी के दौरान मृत्यु की मुख्य वजह ब्लीडिंग (PPH), हाई ब्लड प्रेशर, सेप्टिक (इंफेक्शन) और एनिमिया के कारण होता है. भारत में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए जरूरत है क्लोज मॉनेटरिंग की. इसके तहत ही मातृ मृत्यु दर को कम किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने भी मातृ मृत्यु को की संस्या को गंभीीर माना है और इसके महत्व के हिसाब से गाइउ लाइन भी तैयार किए हैं.
कांफ्रेंस के दौरान इसके अलावा कलकता से आए डॉ आशरष मुखर्जी ने गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर, डिंपा प्रोजेक्ट डॉ रवि आनंद ने गर्भपात, चेन्नई से डॉ रेखा कुरियन, जमशेदपुर से आई डॉ विनीता सिंह, डॉ अनिता सिंह, डॉ सुषमा पांडेय और डॉ कविता वर्णवाल ने आधुनिक तकनीक से इलाज, डाफ अनमोला सिन्हा ने गर्भाधान के दौरान स्त्री के लिए हार्मान के महत्व पर जैसे विषयों पर विशेष चर्चा की. वहीं, डॉ विनीता सिंह ने बॉगस्कोन के रजत जयंती समारोह को सफल बताते हुए देश भर सेे आए डॉक्टरों और मेडिकल स्टूडेंट का का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि 25वें त्रिदिवसीय बॉगस्कोन 2016 सम्मेलन पूरी तरह से शानदार रहा. इसके लिए सबको बधाई. इस सम्मेलन का महत्व पब्लिक फोरम में भी देखने को मिला. साथ ही डॉ सिंह ने बताया कि 2017 -18 में पी ओ जी एस की प्रेसिडेंट डॉ आभा रानी सिंन्हा और वाइस प्रेसिडेंट डॉ विनीता सिंह होंगी. वहीं, सेक्रेटरी मीना सांवत को बनाया गया. कांफ्रेंस के समापन समारोह के दौरान बिहार की ख्याति प्राप्त स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ शांति राय, डॉ मंजू गीता मिश्रा, डॉ प्रमिला मोदी, डॉ कुसुम गोपाल कपूर, डॉ अनिता सिंह, डॉ कुमकुम सिन्हा, डॉ शांति एच के सिन्हा, डॉ मोना हसन, डॉ रेणु रोहतगी, डॉ सुषमा पांडेय, डॉ गीता सिंन्हा, डॉ रीता दयाल, डॉ अलका पांडेय, डॉ रजनी शर्मा, डॉ अजंना सिन्हा भी शामिल हुई. कांफ्रेंस की ऑर्गनाइजिंग अध्यक्ष डॉ कुमकुम सिन्हा एवं सेक्रेटरी डॉ वीनिता सिंह की देख रेख में यह आयोजन किया जा रहा है. इसमें उनका साथ डॉ सुप्रिया जयसवाल, डॉ चारू मोदी, डॉ मल्लिका सह ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी के रूप में दे रही हैं.