शिक्षा विभाग का नया फरमान, कागजी कॉलेजों की मान्यता होगी रदद्

MJMC केस के निपटारे की कल है अंतिम डेडलाइन




महज नाम के स्टूडेंट की संख्या वाले एफिलिएटेड कॉलेजों पर लटकी शिक्षा विभाग की तलवार

पटना, 21 जुलाई।। शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने फिर एक फरमान जारी कर शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है. अपने नए आदेश में उन्होंने कहा है कि वैसे कॉलेज जहां स्टूडेंट की संख्या महज नाम मात्र की है उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. इसको लेकर सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को आदेश जारी किया गया है. शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद उन कॉलेज में हड़कंप ज्यादा मचा हुआ है जहां सिर्फ एग्जाम के समय ही स्टूडेंटों की संख्या दिखती है. वर्तमान में बिहार में कुल 227 एफिलिएटेड कॉलेज हैं. अब इन कॉलेज पर के के पाठक के आदेश की तलवार खींच गई है.

गुरुवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने सभी कुलपतियों के साथ बैठक कर रहे थे और इसी बैठक के क्रम में उन्होंने सभी कुलपतियों को आदेश जारी किया कि वैसे कॉलेज जो महज कागजों पर चल रहे हैं उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी. इज़के साथ ही एफिलिएटेड अल्पसंख्यक कॉलेज के लिए भी यह निर्देश जारी किया.

यह आदेश कागजों पर ही स्टूडेंट दिखाने वाले एफिलिएटेड उन सभी कॉलेजों के लिए जारी किया गया चाहे वह अल्पसंख्यक कॉलेज हो या कोई अन्य. उन्होंने ऐसे कागजों पर स्टूडेंट्स दिखाने वाले तमाम कॉलेजों की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी मांगी है.

इसके साथ ही उन्होंने सभी कुलपतियों को मान्यता प्राप्त सभी कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का अटेंडेंस सीट दोपहर तीन बजे तक शिक्षा विभाग को भेजने का निर्देश जारी किया. यह भी तय है कि अटेंडेंस सीट उपलब्ध नहीं किए जाने पर कार्रवाई निश्चित है.

बताते चलें कि अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को MJMC केस का निपटारा करने का भी निर्देश दिया है जिसकी डेडलाइन उन्होंने 22 जुलाई का दिया है. अब देखना होगा कि कल समाप्त हो रही डेडलाइन के बाद MJMC के निपटारे के मुद्दे पर क्या एक्शन होता है.

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