खादी के रंग का खुमार भोजपुर में 20 तक

खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ शुरुआती दिनों से कम हुई लेकिन खादी का क्रेज बरकरार

आरा,18 दिसंबर. भोजपुर की फिजा में इन दिनो खादी का रंग चढ़ा है. जिले भर के कई चर्चित चेहरे इन दिनो आपको भोजपुर मुख्यालय आरा में दिख जायेंगे. वजह है आरा के ऐतिहासिक रमना मैदान में आयोजित 10 दिवसीय खादी मेला सह प्रदर्शनी में आज आठवें दिन आम दिनो की अपेक्षा थोड़ी कम भीड़ देखने को मिली. हालांकि मेले के शुरुआती दिनों में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली थी. शुरुआती 2 दिनो में 56 स्टॉलों वाले इस मेले में लगभग 10 लाख का समान बिका था. मेले में खादी के अलावा भागलपुर के सिल्क की चमक खरीदारों को खूब लुभा रही है. ज्यादातर लोगों को ऐसे स्टालों पर देखा जा सकता है. वैसे साड़ी, सूट, कंबल, पैंट, शर्ट और गर्म कपड़ों के काउंटरों पर ग्राहकों की भीड़ कम नहीं रही. इन कपड़ों की भी बिक्री अधिक देखी गई. खादी के कपड़ों के शौकीन जिले के लोग खादी के कपड़ों के काउंटर पर खरीदारी करते मिले. सुबह 11 बजे से लेकर रात 8 बजे तक मेले में खरीदारी चल रही है.




मेले में पटना, भोजपुर, नालंदा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मधुबनी, हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा एवं रोहतास जिले के खादी वस्त्रों के काउंटर लगे हैं. खादी मेला सह प्रदर्शनी में गांधीजी का चरखा यहां आने वाले लोगों को लुभा रहा है. मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही लोगों की निगाहें दोनों तरफ लगे गांधीजी के चरखे पर जाती है. मेले में आने वाले हर गुजरने वालों का ध्यान चरखे की ओर खींच ही जाती है.

मेले में विभिन्न किस्मों से बने अचार व शहद के काउंटर पर भी लोगों की भीड़ हो रही है. अचार भी ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहा है. इसके साथ ही गुड व चीनी का तिलकुट, तिल का गजक और क्षेत्रीय नमकीन का टेस्ट भी लोगों को खूब लुभा रहा है। मेले में मिर्जापुर से आए कालीन भी हैं. इस तरह अगर देखा जाए तो इस मेले से लोकल फॉर वॉकल को एक मजबूती मिली है. ऐसे मेले का आयोजन हमेशा हो ऐसा लोग चाहते हैं.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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