गंगा नदी पर हर 40 किलोमीटर की दूरी पर एक पुल का निर्माण
5 वर्षों में निर्माण कार्य होगा पूरा
दक्षिण और उत्तर बिहार को आपस में जोड़ने के लिए प्रदेश की नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए गंगा नदी पर हर 40 किलोमीटर की दूरी पर एक पुल का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह गंगा नदी पर 18 पुलों का निर्माण किया जाएगा. अगले 5 वर्षों में इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिए जाने की संभावना है. इस प्रोजेक्ट के शत प्रतिशत सफल होने पर बरसात के मौसम में भी प्रदेश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में आवागमन सुचारू रह सकेगा. गौरतलब है कि बारिश के मौसम में पूरा उत्तरी बिहार बाढ़ की चपेट में रहता है, ऐसे में प्रदेश के इस हिस्से में जाना काफी मुश्किल हो जाता है. गंगा नदी पर पुल बनने से इस क्षेत्र में हर मौसम में यातायात सुचारू रह सकेगा. खासकर राहत एवं बचाव कार्य चलाने में स्थानीय प्रशासन को काफी सहूलियत होगी.
बिहार में पहले 10 लेन के सिर्फ 4 पुल थे.अब प्रदेश सरकार गंगा नदी पर 62 लेन के 18 पुलों का निर्माण कार्य कराएगी. अगले 100 सालों तक के लिए ट्रैफिक प्लान के तहत गांधी सेतु के ठीक बगल में चार लेन के एक नए पुल का निर्माण कार्य जारी है, जिसे वर्ष 2024 तक पूरा करना है. गांधी सेतु के समानांतर बन रहे गंगा ब्रिज के तैयार होने से पटना और से हाजीपुर की कनेक्टिविटी और भी बढ़ जाएगी. बिहार के पथ निर्माण मंत्री खुद मौके पर जाकर निर्माण कार्य की समीक्षा कर चुके हैं. गांधी सेतु के दोनों लेन के निर्माण कार्य को पूरा होने पर लोगों को जाम की समस्या नहीं झेलनी होगी. उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला महात्मा गांधी सेतु वर्ष 1983 में बनकर तैयार हुआ था, लेकिन पुल के जर्जर हो जाने के बाद इसके पुराने स्ट्रक्चर को तोड़कर स्टील से नया सुपर स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है.
गांधी सेतु से ठीक बगल में सिक्स लेन ब्रिज बनाया जा रहा है. गांधी सेतु के 10 किलोमीटर डाउनस्ट्रीम में कच्ची दरगाह बिदुपुर पुल का निर्माण हो रहा है। जेपी सेतु के समानांतर नए पुल बनने का प्रस्ताव है और उसी के 10 किलोमीटर पश्चिम दिघवारा में सिक्स लेन पुल बनाया जाना है। बख्तियारपुर से ताजपुर फोरलेन पुल का निर्माण कार्य जारी है. राजेंद्र सेतु के समानांतर सिक्स लेन ब्रिज बनाया जा रहा है.
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