भोजपुरी देशभक्ति गीत गाने की वजह से अंग्रेजों ने उन्हें जेल में डाल दिया था
भैरवी गायन में तो उनके सामने कोई टिकता ही नहीं था
भोजपुरी के धाम अमही मिश्र, भोरे, गोपालगंज, बिहार में जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया द्वारा आयोजित साहित्यिक-सांस्कृतिक महोत्सव-6 में 103 वर्षीय लोक गायक जंग बहादुर सिंह को भोजपुरी लोकगायिकी के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए ‘ लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड ‘ से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें प्रख्यात लोक गायक मुन्ना सिंह व्यास, भरत शर्मा व्यास व संस्था के अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी द्वारा संयुक्त रूप से दिया गया.इस अवसर पर भोजपुरी के लोकप्रिय गायक मदन राय, गोपाल राय, विष्णु ओझा, उदय नारायण सिंह, राकेश श्रीवास्तव, कमलेश हरिपुरी व संजोली पांडेय समेत तीन दर्जन से अधिक कलाकार व हजारों की संख्या में श्रोतागण मौजूद थे,
1920 में बिहार के सिवान जिला के कौसड़ गाँव में जन्मे जंग बहादुर सिंह आजादी के पहले अपने क्रांतिकारी भोजपुरी गीतों से अंग्रेजों को ललकारते रहे। भोजपुरी देशभक्ति गीत गाने की वजह से अंग्रेजों ने उन्हें जेल में डाल दिया था. आसनसोल, झरिया, धनबाद और पूरे बिहार-यूपी में तीन दशक तक जंग बहादुर सिंह की गायिकी का डंका बजता रहा. भैरवी गायन में तो उनके सामने कोई टिकता ही नहीं था.जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया ने भोजपुरी संगीत के इस कोहिनूर को सम्मानित कर कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया.
पुखराज