आरा, 31 मई . नेशनल साइंटिफिक रिसर्च एंड सोशल एनालिसिस ट्रस्ट ने रविवार को अपराह्न 2 बजे एक टेलीफोनिक मीटिंग अपने सदस्यों कार्यकर्ताओं व बुद्धिजीवियों के साथ समाज के वर्तमान स्थिति पर परिचर्चा को लेकर किया. परिचर्चा देश मे कोरोना महामारी से लॉक डाउन के अंतर्गत लाखों बिहारी श्रमिक लोगों का परदेस उजड़े आशिया को लेकर किया गया. ऐसे बेबस श्रमिक तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपने प्रदेश को चल पड़े. आज उनके पास विकराल भुखमरी की समस्या आ खड़ी हुई है क्योंकि उनके पास रोजगार का कोई रास्ता नही दिख रहा ,ऐसी विसम परिस्थिति में आज ट्रस्ट ने पहल करते हुए सर्व सम्मति से निर्णय लिया है कि जो भी श्रमिक महिलाएँ अपने जिला में आई हैं अपने स्वास्थ्य जांच के उपरांत यहाँ हमारे ट्रस्ट में आकर 10 दिनों का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्राप्त कर हमारे यहाँ उत्पादन से खुद को जोड़कर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं और स्वाभिमान पूर्वक अपने समाज और परिवार को मजबूती प्रदान कर सकती हैं.
ट्रस्ट के अध्यक्ष श्याम कुमार ने बतलाया कि हमारा ट्रस्ट हमेशा से महिलाओं के उत्थान के लिए तत्पर रहा है और अपने कर्तव्य पथ से कभी पीछे नही हटेगा.
सरकार पर सारा बोझ छोड़ देना एक बहुत बड़ा सामाजिक अपराध है ,जो भी विस्थापित श्रमिक हैं वो हमारे अपने अंग हैं उनकी देखभाल हम सभी का पहला कर्तव्य है.
इस कार्यक्रम में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण चर्चित युवा हस्तशिल्पी विभूति कुमारी द्वारा महिलाओं को प्रशिक्षण दे उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. ट्रस्ट अध्यक्ष श्याम कुमार ने सभी महिला श्रमिकों के लिए अपना व्यक्तिगत मोबाइल नंबर भी सांझा किया है जिससे कोई भी आसानी से संपर्क कर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सके.
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