केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडु ने आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश के 10 प्रमुख शहरों में स्मार्ट गंगा सिटी परियोजना की शुरूआत की। ये शहर है- हरिद्वार, ऋषिकेश, मथुरा-वृंदावन, वाराणसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, साहिबगंज और बैरकपुर। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने सीवेज उपचार के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हाइब्रिड एन्यूटी आधारित सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर कार्य हेतु प्रथम चरण में इन शहरों का चयन किया है।
इस अवसर पर सुश्री भारती ने उज्जैन से समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि गंगा कार्य योजना की असफलता से सबक लेकर अब हमारा मंत्रालय हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर जा रहा है। पहले इस काम का खर्चा केंद्र और राज्य सरकार 70:30 के अनुपात में उठाते थे, लेकिन इस बार इस पूरे कार्यक्रम का सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। मंत्री महोदया ने कहा कि कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन पर नजर रखने के लिए जिला स्तर पर भी निगरानी समितियों का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की कई बड़ी कंपनियों के अलावा कई विदेशी कंपनियों ने भी हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर हमारे साथ काम करने की इच्छा जताई है।
सुश्री भारती ने कहा कि आज पहले चरण में 10 शहरों को शामिल किया गया है, लेकिन धीरे-धीरे इसमें बाकी के शहर भी शामिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन 10 शहरों में यह कार्यक्रम करते समय इन शहरों की नदियों की जैव विविधता और उससे जुड़ी सांस्कृतिक विरासत का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले दो महीनों में कुछ अन्य शहरों में भी यह कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हैदराबाद से संबोधित करते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री वैंकेया नायडु ने स्थानीय निकायों से कहा कि वे इस कार्यक्रम की सफलता के लिए अपना भरपूर सहयोग दें। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय नमामि गंगे कार्यक्रम से बहुत धनिष्ठता से जुड़ा हुआ है और उन्हें उम्मीद है कि हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर यह कार्यक्रम तेजी से सफलता हासिल करेगा। श्री नायडु ने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता के लिए जन भागीदारी उतनी ही जरूरी है, जितना सरकारी प्रयास।